सरकार विरोधी प्रदर्शनों को लेकर थाईलैंड ने बैंकाक में घोषित किया आपातकाल
बैंकाक में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी राजसत्ता संविधान में संशोधन की लगातार मांग कर रहे हैं। इसको लेकर बीते दो दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। थाईलैंड की मीडिया ने गुरुवार को बताया कि अधिकारियों ने राजधानी में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए आपातकाल घोषित किया है। जिससे अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मिल गई है।
आपातकाल के दौरान पांच या अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन करने वाले समाचार या ऑनलाइन संदेशों के प्रकाशन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। बुधवार को बैंकाक में आयोजित रैलियों में लगभग 10,000 प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। 2014 के तख्तापलट के परिणामस्वरूप सत्ता में आए प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा के इस्तीफे की मांग को लेकर कई महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं।
पीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रात भर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर डेरा डाले रहे, जिसके बाद थाई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह को तितर-बितर कर दिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ट्रकों में भरकर ले जाया गया। बता दें कि तकनीकी रूप से थाईलैंड कोरोनो वायरस प्रतिबंधों के तहत अभी भी आपातकाल की स्थिति में है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने आपातकाल की स्थिति का उल्लंघन करने को लेकर 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर आधिकारिक रूप से कोई आरोप नहीं लगाया गया है। गिरफ्तार लोगों में प्रदर्शन प्रमुख नेता अर्नन नम्फा भी शामिल थे। पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि जो आपातकाल के बाद भी विरोध प्रदर्शनों का आह्वान कर रहे हैं, वे स्पष्ट रूप से कानून तोड़ रहे हैं। जो लोग प्रदर्शनों में शामिल होंगे वे भी कानून तोड़ेंगे। बाद में आप यह नहीं कह सकते कि उन्हें आदेश की जानकारी नहीं है।