यात्रा उद्योग पर COVID-19 प्रभाव कोरोना महामारी की मार से पर्यटन उद्योग बीमार,
दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थल एक बार फिर से खुल रहे हैं और कुछ स्थलों पर पर्यटन रफ्तार पकड़ रहा है। बावजूद इसके पर्यटन उद्योग पर महामारी का बुरा असर कम नहीं हुआ है। कई देश जो पर्यटन से हर साल अच्छा राजस्व जमा करते थे, उनका यह स्रोत मार्च के बाद से ही सूख चुका है। स्टेटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मेक्सिको की अर्थव्यवस्था सबसे कमजोर हुई है, क्योंकि इसके सकल घरेलू उत्पाद का 15.5 फीसद ट्रेवल और पर्यटन से आता है।
वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) के 2019 के आंकड़ों के आधार पर स्टेटिस्टा ने सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची तैयार की है। सीएनएन के अनुसार इस सूची में सबसे पहले मेक्सिको और उसके बाद स्पेन और इटली जैसे देश आते हैं। भारत की जीडीपी में भी पर्यटन उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है। आइए जानते हैं कि कोरोना महामारी ने पर्यटन उद्योग को कितना नुकसान पहुंचाया है।
प्रतिबंधों को हटाने से बढ़े मामले: प्रतिबंधों को हटाए जाने के बाद से स्पेन में कोरोना वायरस के मामले काफी बढ़ गए हैं, जबकि कुछ जगह नए मामले सामने आने के बाद फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। वहीं इटली में भी प्रतिबंधों में ढील के बाद संक्रमण के मामलों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। यह दर्शाता है कि रिकवरी प्रक्रिया धीमी है।
पर्यटन उद्योग का कई यूरोपीय देशों की जीडीपी में है अहम योगदान: डब्ल्यूटीटीसी के अनुसार, यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है। ऐसे में इन देशों की पर्यटन पर राजस्व निर्भरता के कारण सर्वाधिक प्रभावित होने की संभावना है। सीएनएन के अनुसार पिछले साल स्पेन में पर्यटन का योगदान जीडीपी का 14.3 फीसद था, जबकि इटली में 13 फीसद। यूरोप में सबसे सख्त लॉकडाउन में से एक जारी करने के बाद एक बिंदु पर वयस्कों को केवल भोजन, दवा और कुत्तों को घुमाने के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी।
स्पेन ने अपने संघर्षशील पर्यटन उद्योग को जीवित करने के लिए उत्सुक रहा है और वह अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहा है। पिछले महीने उसने यूरोपीय संघ और तीसरे पक्ष के देशों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं। साथ ही इटली ने यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के लिए अपनी सीमाओें को खोल दिया है। साथ ही एंडोरा, मोनेको, सैन मैरिनो और वेटिकन को भी अनुमति दी गई है। सरकार ने इसे कैलकुलेटेड रिस्क बताया है।
रिकवरी में लग सकते हैं कई साल: पर्यटन स्थलों तक पर्यटकों को लाने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि ऐसा लग रहा है कि इस उद्योग के पुनर्जन्म में समय लग सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीजें पहले की तरह वापस नहीं आ सकती हैं। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के बाद एयरलाइन उद्योग को वापस पटरी पर लौटने में तीन साल का वक्त लगा था। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और टूरिज्म क्राइसिस मैनेजमेंट इनिशिएटिव के निदेशक लॉरी पेनिंगटन ग्रे ने कह कि मुझे यकीन नहीं है कि पर्यटन उद्योग कोविड-19 से पूर्व की स्थिति में लौट सकेगा। जहां पूरी क्षमता से संचालन में कई साल लग सकते हैं, लेकिन हम पिछले संकटों से जानते हैं कि यह उद्योग बहुत लचीला है। पर्यटन उद्योग में बदलाव आएगा, लेकिन यह कल होने वाला नहीं है।
भारत में भी पर्यटन प्रभावित: कोरोना महामारी के कारण भारत में भी पर्यटन उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। भारत की जीडीपी में पर्यटन उद्योग का योगदान करीब 6.8 फीसद है। भारत में पर्यटन उद्योग से करीब 8.75 करोड़ लोग जुड़े हैं। 2018-19 के आंकड़ों के अनुसार यह कुल रोजगार का करीब 12.75 फीसद है। जिसमें होटलकर्मी, ट्यूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट, ड्राइवर, गाइड, छोटे व्यापारी सहित कई अन्य शामिल हैं। साथ ही यह कृषि, ट्रांसपोर्ट, हैंडलूम, एफएमसीजी सहित कई अन्य क्षेत्रों से भी जुड़ा है। जिसके कारण इन क्षेत्रों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले अमेरिका का हाल: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले अमेरिका में पर्यटन उद्योग सकल घरेलू उत्पाद का 8.6 फीसद है, जो विभिन्न योगदानों पर आधारित है। इसमें होटल, ट्रैवल एजेंट, एयरलाइंस और रेस्तरां से राजस्व शामिल हैं। हालांकि, डब्ल्यूटीटीसी अमेरिका में ट्रैवल और टूरिज्म से करीब 1.68 करोड़ नौकरियों के योगदान को बताता है। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में दुनिया की सबसे ऊंची कोविड-19 मृत्यु दर है।