भारतीय वायुसेना और सेना की ताकत बढ़ाएगा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, जानें खासियत

नई दिल्ली। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने एक और कामयाबी हासिल की है। भारतीय वायुसेना और सेना के लिए बनाया गए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ने अपनी पहली उड़ान भरी। बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। इसके डिज़ाइन और विकसित स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एएफसीएस) को देश में ही तैयार किया गया है।

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान पूरी तरह से सफल रही। हेलीकॉप्टर ने करीब 15 मिनट तक उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इस दौरान वहां विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) उन्नी के पिल्लई, चीफ टेस्ट पायलट और ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) राजेश वर्मा मौजूद थे।

एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी सुवर्णा राजू ने कहा, ‘स्वदेशी एएफसी का विकास एचएएल की परियोजना है और यह उच्च मूल्य आयातित प्रणाली को बदल देगा। एएफसीएस एक डिजिटल चार-अक्ष फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है जो नियंत्रण और हेलीकॉप्टर के ऑटो-पायलट मोड के लिए सक्षम है।

हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर और नियंत्रण कानून का स्वदेशी विकास एचएएल अनुसंधान और विकास केंद्रों का एक संपूर्ण आंतरिक प्रयास है। डिजाइन सेंटर (आरडब्ल्यूआर और डीसी) और मिशन और कॉम्बैट सिस्टम आर एंड डी सेंटर (एमसीएसआरडीसी) बेंगलुरू में और रणनीतिक इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च डिज़ाइन सेंटर (एसएलआरडीसी) हैदराबाद और कोरवा डिवीजन में है।

एचएएल ने आगे कहा कि उसने पहले से ही भारतीय निजी उद्योगों की भागीदारी के साथ एलसीएच पर कॉकपीट डिस्प्ले सिस्टम को एकीकृत किया है। इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस) और विकास उड़ान परीक्षण चल रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री की मौजूदगी में, 26 अगस्त, 2017 को एलसीएच के लिए प्रारंभिक संचालन संबंधी क्लीयरेंस दिया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान प्रमाणन एजेंसियों के प्रतिनिधियों और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की खासियत

-हेलीकॉप्टर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है।

-हेलीकॉप्टर 19,700 से 21,300 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।

-अधिक ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र के लिए सबसे बेस्ट लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है।

-हेलीकॉप्टर 3 से 5.8 टन से ज्यादा वजनी है।

-रात में कम रोशनी में भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकता है।

-रडार व लेजर मिसाइल वार्निंग जैसे सिस्टम की नई तकनीकों का इस्तेमाल

-हेलीकॉप्टर ऑटो-पायलट मोड में सक्षम

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