
विवाह आदि मांगलिक अनुष्ठानों का यह सीजन चार दिन बाद निकल जाएगा। एक जुलाई को देवशयनी के कारण आगामी पांच महीने तक विवाह आदि अनुष्ठान वर्जित रहेंगे। सीजन के आखिरी तीन शुभ मुहूर्त बचे हैं। इसमें एक तिथि भड़ली नवमी भी है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण बिना मुहूर्त देखे विवाह की रस्में निभाई जा सकेंगी।
श्री मंशापूरण हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित आरएन शास्त्री ने बताया कि एक जुलाई से 25 नवंबर यानि 4 माह 25 दिन तक देव शयनवास में रहेंगे। इस कारण कोई मुहूर्त नहीं है। यही वजह है कि इन दिनों मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। इस माह तीन तिथियां 27, 29 और 30 जून को शुभ मुहूर्त हैं। 25 नवंबर को देवउठनी के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच में सूर्य धनु राशि में रहेंगे, जिसे धनुर्मास कहते हैं। इस एक महीने के दौरान भी शुभ कार्यों पर विराम रहेगा। 17 दिसंबर को गुरु तारा भी अस्त हो जाएगा, जो कि 11 जनवरी को उदय होगा।
इस साल के शुभ मुहूर्त
जूनः 27, 29 व 30
नवंबरः 25, 27 व 30
दिसंबरः 1, 7, 9, 10, 11