
पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी का बुरा असर सबकी जेब पर पड़ रहा है। ऐसा तब है, जबकि छह साल में कच्चे तेल की कीमत घटी है पर पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने के बजाय बढ़ गए हैं। बता दें कि अप्रैल 2014 में कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी, तब भोपाल में डीजल करीब 65 रुपये और पेट्रोल करीब 70 रुपये प्रति लीटर के आसपास था। इसमें न्यूनतमत कीमत, किराया भाड़ा और डीलर कमीशन 45.5 रुपया था।
अभी कच्चे तेल की कीमत 42 डॉलर प्रति बैरल पर है। इसके बावजूद शहर में पेट्रोल 87.57 व डीजल 79.44 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस तरह कच्चे तेल की कीमत में तो 33 प्रतिशत की कमी आई, लेकिन पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 से 15 रुपये की वृद्घि हो गई है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में डीजल और पेट्रोल के दाम ज्यादा थे। तब पेट्रोल 89.64 और डीजल 79.50 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। हालांकि यह धीरे-धीरे कम हुआ था। इन बढ़ते दामों से अब माल भाड़ा बढ़ाने की तैयारी है, जिससे एक परिवार का औसत खर्च 5 हजार रुपए महीना बढ़ जाएगा।
24 दिन में 11.13 रुपये लीटर महंगा हुआ डीजल, पेट्रोल 9.98 रुपये उछला
भोपाल में एक से छह जून तक पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर रहे, लेकिन छह जून के बाद से हर दिन पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। छह जून से गुरुवार तक (24 दिन में) पेट्रोल में 9.98 तो डीजल में 11.13 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि अप्रैल और मई में भोपाल में पेट्रोल 77 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68 रुपये प्रति लीटर के आसपास ही बिका था। अब गुरुवार से पेट्रोल 87.57 व डीजल 79.44 रुपये प्रति लीटर बिकेगा।
कार चालकों का खर्च लगभग 800 रुपए अतिरिक्त बढ़ जाएगा
बावड़ियाकलां से एमपी नगर सात किलोमीटर है। समीर खान प्रतिदिन बावड़ियाकलां स्थित घर से एमपी नगर में अपने ऑफिस कार से आते-जाते हैं। उनकी कार का एवरेज 20 किमी का है और रोजाना तीन लीटर पेट्रोल की खपत होती है। 24 दिन पहले के मुकाबले अगले 30 दिन तक समीर को प्रति लीटर पेट्रोल पर एक दिन में 9.98 रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे, जो 90 लीटर के हिसाब से महीने में 898 रुपए होंगे।
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से सबसे ज्यादा युवा वर्ग प्रभावित होगा। जो घर से बाहर यहां बाइक लेकर चलते हैं। वहीं डीजल का दाम बढ़ने पर माल भाड़ा भी बढ़ेगा। इसके कारण परिवार का खर्च भी बढ़ सकता है। – अजय सिंह, अध्यक्ष, मप्र पेट्रोल डीजल डीलर्स एसोसिएशन
अक्टूबर 2018 में यह थे पेट्रोल डीजल के दाम
पेट्रोल – 89.64
डीजल – 79.50
आज इस दाम पर बिकेगा पेट्रोल डीजल
पेट्रोल – 87.57
डीजल – 79.44
– लॉकडाउन से पहले भोपाल में बिकता था एक दिन में 8 लाख लीटर पेट्रोल व 11 लाख लीटर डीजल
– 20 लाख रुपए पेट्रोल और 27 लाख रुपए डीजल से प्रतिदिन केंद्र सरकार को टैक्स के रूप में मिलते थे।
– ऍनलॉक-1 में पेट्रोल और डीजल की खपत 33 प्रतिशत कम हो गई है। अब पेट्रोल 5 लाख तो डीजल 9 लाख लीटर बिक रहा है।
24 दिन में ऐसे बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम
दिन- पेट्रोल – डीजल
छह जून – 77.58 – 68.29
सात जून – 78.21 – 68.87
आठ जून – 78.82 – 69.44
नौ जून – 79.26 – 69.88
10 जून – 80.01 – 70.62
11 जून – 80.42 – 71
12 जून – 81.1 – 71.56
13 जून – 82.49 – 73.00
14 जून – 83.28 – 73.74
15 जून – 83.99 – 74.50
16 जून – 84.28 – 74.87
17 जून – 84.83 – 75.42
18 जून – 85.25 – 75.92
19 जून – 85.96 – 76.64
20 जून – 86.30 – 77.06
21 जून – 86.86 – 77.81
22 जून – 87.33 – 78.48
23 जून – 87.39 – 78.87
24 जून – 87.50 – 79.33
माल भाड़ा बढ़ने से खाद्य सामग्रियों के दाम बढ़ेंगे
एक परिवार का औसत खर्च 5 हजार रुपये तक अतिरिक्त बढ़ेगा
सामाग्री – वर्तमान खर्च – संभावित खर्च
फल – 1500 – 2000
सब्जी – 1200 – 1700
दूध – 1500 – 1700
अनाज (किराना) – 3000 – 4500 (तेल, साबुन, कंघा सहित अन्य सामाग्री)
पेट्रोल-डीजल – 1500 – 2500
अन्य खर्च – 1000 – 3000
कुल – 9700 – 15400 (अंतर 5700)
डीजल बहुत महंगा हो गया है। इस कारण ट्रैवल्स कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। लोग पुराने रेट पर ही टैक्सी किराए पर ले जा रहे हैं, जबकि बढ़े हुए दाम का अतिरिक्त बोझ हम पर आ गया है। सरकार को ईंधन के दाम कम करने चाहिए, ताकि आम वर्ग एवं कारोबारी पर आर्थिक बोझ न बढ़ सके।– राजेश द्विवेदी, ट्रैवल्स संचालक
मैं निजी कंपनी में कार्य करता हूं। रोज फील्ड में जाना पड़ता है। पहले 100 रुपये के पेट्रोल में काम चल जाता था, लेकिन अब अधिक खर्च करना पड़ रहे हैं। पेट्रोल के बढ़े दाम सबसे अधिक मध्यमवर्गीय परिवार पर प्रभाव डाल रहे हैं। सरकार को चाहिए कि बढ़ी कीमतें वापस लें। – रोहित अवस्थी, बाइक चालक