समय से पहले झारखंड के 17 जिलों में पहुंचा मानसून, छह दिनों तक होती रहेगी बारिश…

Jharkhand Weather News Update समय से पहले झारखंड आ पहुंचा मानसून। राज्‍य में शनिवार को मानसून का आगमन हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार यह समय से पहले हुआ है। जमशेदपुर में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 14 जून और रांची में 15 जून है। इस बार 13 जून को मानसून राज्य के 17 जिलों में पहुंच गया।

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. एस डी कोटाल ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, गुमला, हजारीबाग और गिरिडीह जिले में मानसून ऑनसेट हो चुका है। आगामी 24 घंटे में मानसून प्रभावी होगा। राज्य के शेष जिलों में मानसून पहुंचने की संभावना है।

पिछले 24 घंटे में पुटकी, कोनेर, बोकारो में 50 मिमी., अड़की, पत्थरगामा, घाटशिला, व पपुंकी में 30मिमी., खरसावां, राजमहल, रांची, महेशपुर, मसानजोर, महगावां, जमशेदपुर, तेनुघाट व जरीडीह में 20 मिमी., रामगढ़, पाकुड़, तोरपा, हजारीबाग, नंदाडीह, जमशेदपुर व सिकादिया में 10 मिमी. बारिश हुई।  बताया कि ओडिशा के आंतरिक हिस्सों व आसपास के क्षेत्रों में समुद्रतल से ऊपर 7.6 किमी. क्षेत्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर है, जो दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम राजस्थान से उत्तरी ओडिशा के आंतरिक हिस्सों से होते हुए उत्तरी मध्य प्रदेश व उत्तरी छत्तीसगढ़ तक समुद्र तल से ऊपर 1.5 किमी. क्षेत्र में एक टर्फ बना हुआ है।

छह दिनों तक रांची व आसपास के क्षेत्रों में छाए रहेंगे बादल

मौसम विभाग के अनुसार आगामी छह दिनों तक रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे। 14 जून को दो या दो से अधिक बार गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 15 से 17 तक मध्यम दर्जे की बारिश होगी। बताया कि 14 जून को राज्‍य के दक्षिणी व उत्तर-पूर्वी जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इस संबंध में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। 14-15 जून को लगभग सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 16-17 को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 18-19 जून को राज्‍य के लगभग सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी।

01 जून से अब तक पूरे राज्‍य में सामान्य से 31 फीसद कम बारिश दर्ज

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 01 जून से 13 जून तक पूरे झारखंड में सामान्य से 31 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। लातेहार में सामान्य से पांच फीसद अधिक, लोहरदगा में तीन फीसद व पलामू में 65 फीसद साहिबगंज में पांच फीसद अधिक बारिश हुई। इधर, देवघर में सामान्य से 93 फीसद कम, चतरा में 91 फीसद, दुमका में 85 फीसद, गिरिडीह में 51 फीसद, हजारीबाग में 67 फीसद, जामताड़ा में 56 फीसद, पाकुड़ में 63 फीसद, रामगढ़ में 48 फीसद, पश्चिमी सिंहभूम में 49 फीसद, सिमडेगा में 36 फीसद व सरायकेला-खरसांवा में 39 फीसद कम बारिश हुई है।

पिछले 10 वर्षों में झारखंड में मानसून के आगमन की स्थिति

  • 2019      21 जून
  • 2018      25 जून
  • 2017      16 जून
  • 2016      17 जून
  • 2015      15 जून
  • 2014      18 जून
  • 2013      18 जून
  • 2012      19 जून
  • 2011      15 जून
  • 2010      17 जून

चतरा जिले में मानसून का शानदार आगाज, झमाझम बारिश से मौसम हुआ सुहाना

चतरा जिले में मानसून का शानदार आगाज हुआ है। झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। शनिवार की मध्य रात्रि से ही तेज हवा और आसमानी मलक तथा गर्जन के झमाझम बारिश हो रही है। पिछले छह घंटों से हो रही बारिश से मौसम पूरी तरह से बरसात की हो गई है। बल्कि यूं कहें कि बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है। वैसे तो आसमान में शनिवार से ही बादल छाए हुए थे। कहीं-कहीं पर तेज बारिश भी हुई थी। लेकिन उसके बाद मौसम साफ हो गया था और उमस भरी गर्मी से लोग परेशान थे। इधर मध्य रात्रि को तेज हवा के साथ बारिश का क्रम शुरू हुआ और लगातार जारी है।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले चार-पांच दिनों तक बारिश का क्रम जारी रहेगा। जानकारों का कहना है कि लंबे समय के बाद पहली बार मॉनसून निर्धारित समय से दो दिन पहले प्रवेश किया है। आमतौर पर इस क्षेत्र में 15 जून के बाद ही मानसून प्रवेश करता था। लेकिन इस बार 13 जून से ही बारिश का क्रम शुरू हो गया है। मौसम के जानकारों का कहना है कि इस साल सामान्य वर्षापात से अधिक बारिश होगी। अच्छी बारिश की उम्मीद को लेकर किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है। चूंकि पिछले कई वर्षों से पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण धान की पैदावारी अच्छी नहीं हो रही थी। लक्ष्य के अनुरूप आनाज का उत्पादन नहीं होने से किसानों में मायूसी थी। किसान पिछले दो वर्षों से लगातार सुखाड़ का दंश झेल रहे थे। लेकिन इस बार वैसी संभावना नहीं दिख रही है।

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