सांसद द्वारा मजदूरी न देने पर , हाईटेंशन लाइन के पोल पर चढ़ा युवक, घण्टों गुल रही शहर की बिजली
एंकर — हरदोई जनपद में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक युवक हाईटेंशन लाइन के पुल पर चढ़ गया युवक पोल पर चढ़कर सांसद को बुलाए जाने की मांग कर रहा था युवक का आरोप था कि सांसद ने उसकी दिहाड़ी कई दिनों से नहीं दी है, जिसके चलते उसको यह करना पड़ा | प्रशासन को खबर मिलने के बाद हड़कंप मच गया| आनन-फानन में बिजली आपूर्ति ठप कराई गई , जिससे घंटों शहर अंधेरे में रहा, किसी तरह युवक नीचे उतरा तो पुलिस ने उसका मेडिकल कराया और अब पीड़ित को ही जेल भेजने की तैयारी की जा रही है|
वीओ 01 — मामला कोतवाली देहात के कटैया गांव का है जहां देर रात कोथावा थाना बेनीगंज का रहने वाला सोनू वर्मा हाईटेंशन लाइन के पोल पर चढ़ गया, आनन-फानन में इलाके के लोगों ने प्रशासन को सूचना दी तो प्रशासन में हड़कंप मच गया, किसी तरह बिजली आपूर्ति बंद कराई गयी , और प्रशासन ने पीड़ित से लाख मिन्नते की लेकिन पीड़ित युवक सिर्फ हरदोई के बीजेपी से सदर सांसद अंशुल वर्मा को बुलाये जाने की ज़िद पर अड़ा रहा |
वीओ 02 — तस्वीरो में आप साफ तौर पर देख सकते है की किस तरह ये युवक हाईटेंशन लाइन के पोल पर चढ़ा हुआ है और नीचे पुलिस लाख मिन्नते कर रही है कही ये गिर न जाये इसके लिए नीचे कपडे से रोकने के लिए इंतज़ाम किये जा रहे है। घंटो चले इस हाई प्रोफ़ाइल ड्रामे के बाद जब सांसद अंशुल वर्मा के प्रतिनिधि शैलेन्द सिंह मौके पर पहुंचे तो फिर आखिर युवक खुद की मर्ज़ी से नीचे उतरा जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और मेडिकल परिक्षण के लिए भेजा है |
बाईट — शैलेन्द्र सिंह (सांसद प्रतिनिधि)
वीओ 03 — दरअसल सोनू वर्मा नाम का ये युवक पिछले कई दिनों से बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा के झबरापुरवा स्थित आवास पर पेंटिंग का काम कर रहा है , सोनू का आरोप है उसको 400 रूपये दिहाड़ी पर तय किया गया था लेकिन बाद में सांसद अंशुल वर्मा के ड्राइवर शिशुपाल ने उसे 300 रूपये के हिसाब से ही पेमेंट किया इसके अलावा , पिछले कई रोज़ की दिहाड़ी उसे नहीं मिली है जिसके लिए उसने कई मर्तबा हिसाब के लिए बोला लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, उसका 3 हज़ार रुपया नहीं मिल पा रहा था , लिहाज़ा उसने ये कदम उठाया |
बाईट — सोनू (पीड़ित)
वीओ 04 — रोज़ कुंआ खोद कर पानी पीने वाले इन मज़दूरों की डेली की मज़दूरी ही इनकी जीवका का साधन होती है , ऐसे में अगर कई दिन की दिहाड़ी न मिले तो बेचारा मज़दूर क्या खायेगा , और जब मामला सत्ता पक्ष के सांसद से जुड़ा हुआ हो तो कहां को गुहार लगाएगा , लिहाज़ा आर्थिक तंगी और भुखमरी के शिकार इस युवक ने हाईटेंशन लाइन पर चढ़ विरोध करना ही बेहतर समझा।, हालाँकि गनीमत ये रही की वक़्त रहते प्रशासन जाग गया जिससे युवक की जान बचाई जा सकी, हालंकि बाद में पीड़ित का मेडिकल कराकर पुलिस जेल भेजने की तयारी कर रही थी |
बाईट — प्रताप सिंह चौहान (सीओ सदर )