अमेरिका तैनात कर रहा है इस जंगी बेड़े को, क्या हो सकती है वजह…

अमरीकी नौसेना ने कहा है कि वह अपने सेकंड फ्लीट (दूसरे जंगी बेड़े) को फिर से स्थापित करने जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के और दबंग होने के बाद अमरीका ये क़दम उठा रहा है. नौसेना के अभियानों के प्रमुख एडमिरल जॉन रिचर्डसन ने कहा है कि ये फ्लीट अमरीका के पूर्वी तट और उत्तर अटलांटिक क्षेत्र में सक्रिय रहेगा.

इस जंगी बेड़े को अमरीका ने ख़र्च कम करने के लिए साल 2011 में भंग कर दिया था. अब इसे फिर से अपने पहले मुख्यालय, वर्जीनिया प्रांत के नॉरफॉक में ही स्थापित किया जाएगा. एडमिरल रिचर्डसन ने कहा है कि इस साल की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में ये स्पष्ट कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताक़त की प्रतिद्ंवदिता का दौर फिर से लौट आया है. अमरीका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में रूस और चीन से निबटने को प्राथमिकता पर रखा है.

नॉरफॉक में यूएसएस जॉर्ज बुश पर दिए एक बयान में एडमिरल रिचर्डसन ने कहा, “हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति ने ये स्पष्ट कर दिया है कि हम फिर से ताक़त की प्रतिद्वंदिता के दौर में लौट आए हैं और सुरक्षा वातावरण और जटिल और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. इन्हीं बदलावों के समाधान के लिए, ख़ासतौर पर उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में, हम अपने सेकंड फ्लीट को फिर से स्थापित कर रहे हैं.”

रूस को जवाब?

बीबीसी के सुरक्षा संवाददाता जोनाथन मार्कस के मुताबिक सेंकड फ्लीट को पुनर्स्थापित करना अमरीका की व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके केंद्र में अब चरमपंथ विरोधी अभियानों के बजाए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदल रही शक्ति स्पर्धा है. दुनिया की बड़ी ताक़तों में फिर से स्पर्धा शुरू हुई है. हाल के दशकों में चरमपंथ विरोधी अभियानों में शामिल रही अमरीकी सेना इस स्पर्धा से दूर ही रही थी. हाल के सालों में रूस ने अपनी नौसैन्य मौजूदगी बढ़ाई है. अमरीका रूस को ही ध्यान में रखकर अपने सेकंड फ्लीट को स्थापित कर रहा है. नए मुख्यालय से अटलांटिक सागर में सक्रिय अमरीकी युद्धपोतों को अधिक सुसंगत तरीके से संचालित किया जा सकेगा.

नेटो भी इस क्षेत्र पर निगरानी के लिए नया ज्वाइंट फ़ोर्सेज़ कमांड स्थापित करने की योजना बना रहा है. अमरीका ने इसका मुख्यालय भी वर्जीनिया के नॉरफॉक में रखने का प्रस्ताव दिया है. अमरीका के नौसैन्य अभियानों का मौजूदा पैटर्न भी बहुत हद तक बदल जाएगा. अमरीकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि वो कम अवधि की तैनातियां चाहते हैं जिनका अनुमान लगाना मुश्किल हो. विशेषज्ञों का मानना है कि विमानवाहक युद्धपोत के नेतृत्व वाले जंगी दलों को अब यूरोपीय जल क्षेत्रों में अधिक तैनात किया जाएगा.

मुख्यालय में शुरुआत में पंद्रह लोग होंगे जो बढ़कर 200 हो जाएंगे. हालांकि अभी ये तय नहीं है कि सेकंड फ्लीट का नेतृत्व कौन करेगा और इसमें कौन-कौन से जंगी जहाज़ होंगे. अटलांटिक के लिए प्रस्तावित नेटो के नए ज्वाइंट फ़ोर्स कमांड के लिए भी नॉरफॉक में ही मुख्याल्य प्रस्तावित किया गया है. नेटो के अधिकारियों का कहना है कि रूस ने बाल्टिक सागर, उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक क्षेत्रों में गतिविधियां बढ़ाई हैं. शीत युद्ध के बाद से रूसी पनडुब्बियों की गतिविधि अब सबसे ज़्यादा है. हाल के महीनों में अमरीकी चुनावों में रूसी दख़ल, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को रूस का समर्थन, ब्रिटेन में पूर्व डबल एजेंट सर्गेई स्क्राइपल पर नर्व एजेंट से हमले के बाद से रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ा है.

अमरीका का सेकंड फ्लीट

  • दूसरे विश्व युद्ध के बाद सेकंड टास्क फ्लीट के तौर पर स्थापित
  • नेटो का सहयोग करने के लिए 1950 में सेकंड फ्लीट के तौर पर फिर से नामित
  • उत्तर अटलांटिक में 170 लाख वर्ग मील क्षेत्र के लिए ज़िम्मेदार
  • 2011 से पहले इसमें 126 जहाज़, 4500 लड़ाकू विमान और 90 हज़ार कर्मचारी थे.
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