MP की बिजली कपंनियों की माली हालत को लेकर कमलनाथ सरकार लाएगी श्वेत पत्र….

Madhya Pradesh Assembly Winter Session मध्य प्रदेश की बिजली कपंनियों की माली हालत को लेकर कमलनाथ सरकार श्वेत पत्र लाएगी। यह बड़े स्वरूप का होगा इसलिए इसमें समय लग रहा है। यह बात ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में नीना वर्मा के सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने यह भी बताया कि तीनों बिजली कंपनियों की हानि 51 हजार करोड़ रुपए और कर्ज 39 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। ‘नवदुनिया” ने सरकार के इस कदम का खुलासा अगस्त में ही कर दिया था।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अक्टूबर 2019 की स्थिति में तीन विद्युत वितरण कंपनियों के बिजली बिलों के नौ हजार करोड़ रुपए आना बाकी है। इनमें पांच लाख रुपए से ज्यादा बकाया वाले नौ हजार 365 उपभोक्ताओं के ऊपर एक हजार 718 करोड़ रुपए बकाया है। पचास हजार रुपए से कम 99 लाख 87 हजार 307 उपभोक्ताओं के ऊपर चार हजार 244 करोड़ रुपए के बिल बाकी हैं। बिजली कपंनियों को घाटे की मुख्य वजह बिजली खरीदी और खर्च की तुलना में आय नहीं होना, कंपनियों पर कर्ज अधिक होने और पुनर्भुगतान और ब्याज का खर्च ज्यादा होना, उच्चदाब की तुलना में निम्नदाब के उपभोक्ताओं में खपत अधिक होना, भारतीय रेल जैसे बड़े उपभोक्ताओं द्वारा ओपन एक्सेस से बिजली खरीदना प्रमुख हैं।

‘सौभाग्य’ में बड़ा घोटाला, हर जिले में होगी जांच

मप्र में सौभाग्य योजना में बड़ा घोटाला हुआ है। पिछली सरकार में इतना बड़ा खेल खेला गया, जिसकी कोई सीमा नहीं है। दो योजनाओं की राशि एक ही जगह पर एक ही काम के नाम पर निकालकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। हर जिले में इसकी जांच होगी। यह बात ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने शुक्रवार को विस में भाजपा विधायक रामकिशोर कांवरे ने सवाल के जवाब में कही। प्रश्नकाल के दौरान बालाघाट विधायक ने सौभाग्य योजना में अनियमितता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सौभाग्य और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की राशि का खर्च एक ही जगह बताया गया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बालाघाट में सौभाग्य योजना से अनियमितता की शिकायत मिली है, जिसकी जांच जबलपुर से टीम भेजकर कराई जा रही है। दो माह में रिपोर्ट आएगी।

मंडला और डिंडौरी में गड़बड़ी सामने आ चुकी है। हर जिले में व्यापक जांच कराई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि तेज हवा चलने से बिजली के खंबे गिर रहे हैं। पिछले दिनों 15 लाख रुपए की रिश्वत लेता इंजीनियर भी पकड़ाया है। भुगतान पर रोक लगाई जाए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सौभाग्य योजना में खंबा लगाते समय कांक्रीट नहीं लगाया जाता है। सिर्फ गिट्टी के साथ खंबा लगा दिया। वहीं, विद्युतीकरण से जुड़ा एक अन्य सवाल कुंवर सिंह टेकाम ने उठाया।

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