देश में 33 वर्ष के बाद आया शिक्षा नीति का मसौदा…
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में 33 वर्ष के बाद शिक्षा नीति का मसौदा आया है। निश्चित रूप से यह दुनिया की सबसे सशक्त नीति होगी। सशक्त भारत की आधारशिला इस नई शिक्षा नीति में समाहित होगी।
स्वामी राम हिमालयन विश्व विद्यालय के चतुर्थ दीक्षा समारोह में शामिल होने आए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि देश के सामने शीघ्र ही एक नई शिक्षा नीति आने वाली है। 33 साल बाद शिक्षा नीति का मसौदा देश के सामने आया है।
उन्होंने कहा इस शिक्षा नीति में संस्कारों के साथ ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी का समावेश होगा। ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी क्षेत्र में शिक्षा नीति शिखर को चूमेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वस्थ स्वच्छ और श्रेष्ठ भारत के निर्माण का सपना देखा है। इस नई शिक्षा नीति में ऐसे भारत की आधारशिला रखी जाएगी। हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन संत डॉ स्वामी नाम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी राम ने सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना के साथ मानवता के निरोग होने का संकल्प लिया था।
उन्होंने कहा कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय शिक्षा चिकित्सा तकनीकी और प्रबंधन सभी क्षेत्र में नित्य नए आयाम प्रस्तुत कर रहा है। इस असवर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजय धस्माना, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ विजेंद्र चौहान, ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं भी मौजूद रहीं।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में इस वर्ष विशेष अवॉर्ड से सम्मानित एमबीबीएस के सर्वश्रेष्ठ स्नातक डॉ विवेक राजदेव और नरसिंह के सर्वश्रेष्ठ स्नातक के रूप में गरिमा को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उपाधि प्रदान की।
- डॉ.स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड- विवेक राजदेव (एमबीबीए), गरिमा (बीएससी नर्सिंग)
- कुल 674 छात्रों को दी गई डिग्री
- हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस- 336
- हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग- 145
- हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज- 123