
मध्यप्रदेश विधानसभा में सरकार द्वारा मंदसौर गोलीकांड और पौधारोपण में घोटाले पर यूटर्न पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जमकर बरसे। दिग्विजय ने कहा कि गृह मंत्री बाला बच्चन और वन मंत्री उमंग सिंघार को दोषियों को क्लीनचिट देने की क्या जरूरत है। दिग्विजय ने विधानसभा में दिए गए वन मंत्री के जवाब पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि मैं नर्मदा के किनारे 3100 किमी पैदल चला हूं, वे कितना चले हैं, ये बता दें। दिग्विजय ने दावा किया कि पौधरोपण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मंदसौर गोलीकांड एक जघन्य हत्याकांड है जिसमें निहत्थे किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं। उस पर गृह मंत्री का बयान आश्चर्यजनक है कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। सिंह ने कहा कि बच्चन को विधानसभा में मंदसौर गोलीकांड का औचित्य साबित करने की क्या जरूरत थी।
विधानसभा में मंत्रियों के बयान से सरकार की किरकिरी होने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मोर्चा संभाला। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “हम न मंदसौर में किसान भाइयों पर हुए गोलीकांड के दोषियों को बख्शेंगे, ना पौधरोपण घोटाले के दोषियों को छोड़ेंगे। सिंहस्थ में आर्थिक अनियमितताएं करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित किसान भाइयों को न्याय दिलवाना हो या घोटालेबाजों को सजा दिलवाना, यह हमारा संकल्प है।”
शिवराज का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में पलटवार करते हुए कहा कि मैंने कभी भी मंदसौर गोलीकांड को उचित नहीं ठहराया, जो हुआ वह परिस्थितिजन्य था।
विवाद पर गृहमंत्री की सफाई
गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि उन्होंने मंदसौर गोलीकांड के दोषियों को क्लीनचिट नहीं दी है। बच्चन ने कहा, “जैन आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण करवा रहे हैं। पिछली सरकार द्वारा दी जानकारी में ही विधानसभा में जवाब सामने आया है कि गोली आत्मरक्षा में चलाई गई थी।”
वनमंत्री ने भी बदला बयान
वनमंत्री उमर सिंघार ने भी बयान दिया है कि पिछली सरकार के नर्मदा किनारे 6.5 करोड़ पौधे लगाने के दावे का भौतिक सत्यापन करवाया जाएगा। एक-एक पौधे का सत्यापन किया जाएगा। विशेष टीम बनाकर पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी।