
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में मशरूम की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि के रूप में तेजी से उभर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मशरूम उत्पादन, कम्पोस्ट उत्पादन और स्पॉन इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब इन इकाइयों को वाणिज्यिक दरों की जगह कृषि बिजली कनेक्शन का लाभ मिलेगा।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पहले मशरूम इकाइयों को वाणिज्यिक बिजली कनेक्शन के अंतर्गत रखा गया था, जिससे किसानों की लागत बढ़ रही थी और मुनाफा घट रहा था। किसानों की इस समस्या को देखते हुए अब मशरूम, कम्पोस्ट और स्पॉन उत्पादन इकाइयों को कृषि श्रेणी की बिजली सुविधा मिलेगी। इससे उत्पादन लागत कम होगी और किसानों की आय बढ़ेगी।
‘मशरूम खेती बनेगी ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए सहारा’
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मशरूम उत्पादन कम भूमि में किया जा सकता है और इसका पोषण एवं आर्थिक मूल्य अधिक है। यही कारण है कि यह लघु व सीमांत किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए आय का सशक्त साधन बनता जा रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस पहल से बिहार देश के अग्रणी मशरूम उत्पादक राज्यों में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा।
‘टोपोलैंड किसानों को मिलेगा योजनाओं का लाभ’
विजय कुमार सिन्हा ने टोपोलैंड क्षेत्रों के किसानों के लिए भी राहत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में किसान सामान्य टोपोलैंड, असर्वेक्षित टोपोलैंड और नदी के दियारा क्षेत्र में खेती करते हैं। दियारा क्षेत्र की भूमि अक्सर नदी में समाहित हो जाती है, जिससे स्थायी सेटलमेंट संभव नहीं हो पाता। ऐसे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार टेंपररी सेटलमेंट की प्रक्रिया लागू करेगी। इससे उन्हें अस्थायी रूप से भूमि का उपयोग करने का अधिकार मिलेगा और वे योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
‘किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम’
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विद्युत नियामक आयोग भी इस प्रक्रिया में सहयोग करेगा। यह कदम न केवल मशरूम उत्पादन क्षेत्र को स्थिरता देगा, बल्कि राज्य में कृषि विविधीकरण और किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।