
राजधानी भोपाल स्थित एम्स के रिसर्च में सामने आई टीबी के जैसे लक्षण वाली खतरनाक बीमारी मेलिओइडोसिस को लेकर मध्य प्रदेश अलर्ट पर आ गया है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रिसर्च पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के धान किसानों में होने वाली मेलिओइडोसिस की रोकथाम के निर्देश दिए हैं। सीएम ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव कृषि को संयुक्त रूप से किसानों की जांच, इलाज और बीमारी की रोकथाम के लिए काम करने और स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए। यदि कोई किसान रोग से ग्रस्त पाया जाता है तो उसका सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाएगा।
20 से अधिक जिलों में मिले मरीज
भोपाल एम्स की रिपोर्ट में 20 से अधिक जिलों में 130 मरीजों में मेलिओइडोसिस की पुष्टि हुई है। यह बैक्टीरिया संक्रमित मिट्टी और दूषित पानी में पाया जाता है। बीमारी के लक्षण बुखार, बार-बार बुखार आना, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द हैं। मधुमेह और अधिक शराब सेवन करने वाले मरीज अधिक प्रभावित होते हैं। एम्स के अनुसार यह रोग खतरनाक है, हर 10 में से 4 मरीज की मौत हो जाती है।
मेलिओइडोसिस क्या है?
यह एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है, जो अक्सर मिट्टी और गंदे पानी से फैलता है।
लक्षण साधारण बुखार, खांसी या फोड़े जैसे दिख सकते हैं, लेकिन यह शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।
समय पर पहचान और सही इलाज मिलने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
टीबी जैसे लक्षण
मेलियोइडोसिस एक गंभीर रोग है, जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैलीआई नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया मिट्टी में पाया जाता है, खासकर धान के खेतों में। संक्रमित मिट्टी या पानी के संपर्क में आने से यह मनुष्यों में फैल सकता है। यह बीमारी कई अंगों को प्रभावित करती है और लक्षणों में अक्सर टीबी जैसी लगती है। यदि सही समय पर उपचार न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य से जुड़े लोगों को इसका अधिक खतरा होता है, लेकिन शहरी क्षेत्रों के लोग भी खासकर डायबिटीज से पीड़ित या लगातार शराब का सेवन करने वाले लोग, इससे प्रभावित हो सकते हैं।