इंदौर में बनेगा प्रदेश का पहला ऑक्सीजन गार्डन, 11 एकड़ में लगेंगे लाखों पौधे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत मध्यप्रदेश में 141 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत देशभर में अब तक 141 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। पीएम मोदी के आव्हान पर यह पर्यावरणीय जनांदोलन निरंतर प्रगति पर है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार के नेतृत्व में यह संकल्प तेजी से धरातल पर साकार होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणा और मार्गदर्शन तथा जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की सक्रिय पहल से प्रदेश में पहली बार “ऑक्सीजन गार्डन” की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

इंदौर में 11 एकड़ में विकसित होगा ऑक्सीजन गार्डन
इंदौर के कनाडिया क्षेत्र स्थित गुलमर्ग परिसर के पीछे 11 एकड़ के पहाड़ी क्षेत्र में इस विशाल हरित परियोजना की शुरुआत की जाएगी। इस संबंध में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यावरणीय केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, इंदौर जनपद अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसोदिया सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

औषधीय पौधों और पक्षी विहार से सजेगा हरित क्षेत्र
इस पहाड़ी क्षेत्र पर नीम, पीपल, बरगद, अशोक, आम, महुआ, रेन ट्री, जामुन, उंबर सहित लाखों की संख्या में औषधीय एवं छायादार प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। यह ऑक्सीजन गार्डन न केवल नागरिकों को शुद्ध वायु प्रदान करेगा, बल्कि पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के आगमन से यह स्थल एक प्राकृतिक पक्षी विहार और पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा। पौधों की सिंचाई के लिए गुलमर्ग परिसर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट से पाइपलाइन के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी मंत्री सिलावट ने दिए हैं।

जन भागीदारी से बनेगा पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण
इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देते हुए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें पद्मश्री एवं पद्मभूषण सम्मानित नागरिकों, व्यापारी संगठनों, समाजसेवियों, धर्मगुरुओं, किसान संगठनों, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्धजनों की सक्रिय भागीदारी रहेगी। यह ऐतिहासिक पहल आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इसी अवसर पर सिलावट ने कनाडिया क्षेत्र की गौशाला का भी निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।

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