बागेश्वर धाम में 220 लोगों ने अपनाया सनातन धर्म…

मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में चल रही कथा के आखिरी दिन बड़ी तादाद में ईसाई धर्म लोगों ने ‘घर वापसी’ करते हुए एक बार फिर से सनातन धर्म अपना लिया। बागेश्वर धाम आकर ईसाई से हिंदू धर्म ने वापसी करने वाले सभी 220 लोगों ने बताया कि वह धर्मांतरण कराने वाली ईसाई मिशनरियों की बातों और घर देने के लालच में आकर ईसाई बन गए थे। हालांकि, उन मिशनरियों ने घर देने का जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। अब वह फिर से बिना किसी दबाव सनातन धर्म में अपनी मर्जी से वापस लौट आए हैं।

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जानकारी के अनुसार, बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री के समक्ष हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में रविवार को ईसाई समुदाय के 220 लोगों की सनातन धर्म में वापसी की थी। इस दौरान उन लोगों ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म में वापसी करने की बात कही थी।

बता दें कि, हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा रविवार को बुंदेलखंड इलाके के कई गांवों से ईसाई धर्म अपना चुके सैकड़ों लोगों को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम ले जाया गया था। हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि इनमें से कई लोग मिशनरियों के संपर्क में आकर ईसाई बन गए थे और चर्च जाने लगे थे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने घर वापसी करने वाले लोगों को आशीर्वाद स्वरूप पीली पट्टिका पहनाई और उनसे शनिवार-मंगलवार हनुमान मंदिर जाने की अपील की। इस दौरान शास्त्री ने कहा कि भूल सबसे होती है। हम किसी भी धर्म या पंथ के विरोधी नहीं, लेकिन सनातन धर्म के कट्टर हैं। उन्होंने कहा कि मुझे फेमस नहीं होना। हम रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ और भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।

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