नरोत्तम मिश्रा ने की गुना घटना पर कांग्रेस के पैनल की निंदा, बोले- जब कमलनाथ सरकार में हुआ तो….

मध्य प्रदेश के गुना में किसान दंपति की पुलिसिया पिटाई पर गठित कांग्रेस के पैनल को राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निंदनीय कृत्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमने गुना की घटना के बाद एसपी, कलेक्टर और आईजी को हटा दिया। साथ ही यह भी पूछा कि जब सागर में एक दलित व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया था और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के कार्यकाल में एक व्यक्ति को धार में जलाया गया, तब क्या हुआ था?

गृह मंत्री ने गुरुवार को कहा था कि ये मध्यप्रदेश है, यहां कानून का राज है। घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। भोपाल से टीम गुना जाकर मामले की जांच करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने विपक्ष द्वारा इस घटना पर सवाल उठाए जाने को लेकर पलटवार किया था।

इस घटना को लेकर राहुल गांधी के ट्वीट पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, जब राहुल गांधी जी की सरकार थी तब प्रीपेड व्यवस्था की तहत अधिकारियों की पोस्टिंग होती थी। हमने जानकारी आते ही कलेक्टर एसपी आईजी सब बदल दिए।

इस मामले पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्यप्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बबार्द करके उस दम्पत्ति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक। इस घटना की देशव्यापी निन्दा स्वाभाविक। सरकार सख्त कार्रवाई करे।’

पुलिस ने जमीन पर जबरन चलाई जेसीबी, दंपति की पिटाई भी
दरअसल, गुना जिले स्थित कैंट थाने के जगनपुर चक्र में मंगलवार को राजस्व विभाग और पुलिस की टीम जमीन से अवैध कब्जा हटाने गई थी। इस जमीन को किसान राजकुमार ने बटाई पर ले रखा है। यह जमीन पूर्व से साइंस कॉलेज के लिए आवंटित है और पुलिस पहले भी इसे एक अवैध कब्जे से खाली करा चुकी है। मंगलवार को कार्रवाई के लिए पहुंची प्रशासन से किसान दंपति ने कहा कि फसल काटने तक रुक जाइए। पुलिस नहीं मानी और जेसीबी चलावा दिया।

इस दौरान पुलिस द्वारा एक किसान दंपति की बुरी तरह से पिटाई कर दी गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। विरोध में दंपति ने कीटनाशक पीकर खुदकुशी की कोशिश की। जिसके बाद मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फौरन कार्रवाई करते हुए गुना के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। साथ ही इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।

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