
Asiatic Lion गुजरात के गिर अभयारण्य (Gujarat Gir Sanctuary Lion) से मध्य प्रदेश के पालपुर कुनो नेशनल पार्क (Palpur Kuno Wildlife Sanctuary) में एशियाटिक लॉयन (बब्बर शेर) की शिफ्टिंग को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के वनमंत्री उमंग सिंघार(Umang Singhar) को पत्र का जवाब दिया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने साफ लिखा है कि विभागीय स्तर पर गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश में शेरों की शिफ्टिंग की जाएगी। उन्होंने लिखा है कि इससे पहले राज्य स्तर पर गठित समिति के सुझावों को भी देखा जाएगा। वनमंत्री सिंघार ने सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुजरात से शेर दिलाने का अनुरोध किया था।
मंत्री उमंग सिंघार के पत्र का आया जवाब, जल्द ही शुरू होगी प्रक्रिया
मंत्री उमंग सिंघार ने सभी तर्कों के साथ अपनी बात रखी थी। इस पत्र का जवाब केंद्रीय वनमंत्री जावडेकर ने दिया है। उन्होंने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में वन मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। समिति शेरों के विस्थापन के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का परीक्षण करवा रही है। साथ ही गुजरात और मध्य प्रदेश शासन ने भी अपने-अपने स्तर पर चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन की अध्यक्षता में स्टेट स्पेसिफिक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया है। मंत्री जावडेकर ने कहा कि दोनों राज्यों की समितियों द्वारा शेरों की सुरक्षा, देखभाल, विस्थापन प्रक्रिया में गाइड लाइन, हेबीटेट के मूल्यांकन को लेकर परस्पर चर्चा के बाद विस्थापन किया जाएगा।
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे शिफ्टिंग के आदेश
15 अप्रैल 2013 को मामले से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात और केंद्र सरकार को छह माह में शेरों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की गाइड लाइन के प्रावधानों की पूर्ति नहीं होने का हवाला देकर गुजरात सरकार शेर देने को तैयार नहीं है।
कुनो का तीन बार दौरा कर चुके हैं गुजरात के वाइल्ड लाइफ अफसर
गुजरात के वाइल्ड लाइफ अफसर तीन बार पालपुर कुनो का दौरा कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गिर अभयारण्य में छह सौ से कम शेर बचे हैं। यह शेर देश में सिर्फ गुजरात में ही हैं। यह परियोजना शेरों की इस प्रजाति को महामारी से बचाने के लिए वर्ष 1992 में बनाई गई थी।