भारत-चीन बॉर्डर पर होगी शांति, हॉटलाइन से जुड़ेंगे दोनों देश

दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत और चीन के बीच नए युग की शुरुआत होने जा रही है. भारत और चीन सीमा पर स्थायी शांति बहाली के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाए जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और संयम बनाए रखने को लेकर सहमति बनी है. दोनों नेता अपनी-अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस जारी करने और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी स्ट्रैटेजिक मेकेनिज्म मजबूत करने पर राजी हुए हैं.

भारत और चीन के बीच 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) है. दोनों देशों को जल्द ही हॉटलाइन से भी जोड़ा जा सकता है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों देशों को हॉटलाइन से कनेक्ट करने का सीनियर सैन्य नेतृत्व बेसब्री से इंतजार कर रहा है. हालांकि दोनों देश हॉटलाइन से कब जुड़ेंगे, इसको लेकर अभी विस्तार से जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन पीएम मोदी के भारत पहुंचने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. इससे पहले भारतीय और चीनी सेना सैद्धांतिक रूप से नई दिल्ली और बीजिंग को हॉटलाइन से कनेक्ट करने पर सहमत हुए थे, लेकिन आखिरी समय में इसमें अड़ंगा लग गया.

हॉटलाइन से दोनों देशों के सीनियर सैन्य नेतृत्व को आपस में संपर्क स्थापित करने और एक-दूसरे को समझने में काफी मदद मिलेगी. LAC के साथ ही दोनों देशों के बीच पांच बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग (BPM) प्वाइंट हैं, जिनका इस्तेमाल स्थानीय कमांडर फ्लैग मार्च करने, स्थानीय समस्याओं और सीमा पर मतभेद के समाधान के लिए करते हैं. BPM प्वाइंट में सब-सेक्टर नॉर्थ में देप्सांग, पूर्वी लद्दाख में सपंगुर गैप, सिक्किम में नाथूला, अरुणाचल में बुमला और किबिथू शामिल हैं.

 

भारत और चीन के बीच ज्यादातर सीमाओं पर विवाद है. इसकी वजह सीमा रेखा निर्धारित नहीं होना है. कई सीमावर्ती क्षेत्रों पर दोनों देशों की सेनाएं अपना-अपना दावा जताती हैं. इसके चलते कई बार सीमा पर घुसपैठ की भी घटनाएं होती हैं और सैन्य तनाव बढ़ जाता है. फरवरी में राज्य रक्षामंत्री सुभाष भामरे ने संसद को बताया था कि साल 2007 में चीनी सेना ने 426  बार घुसपैठ की. इसके अलावा पिछले साल डोकलाम में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध देखने को मिला था. यह सैन्य गतिरोध 72 दिनों तक चला था.

विदेश सचिव गोखले ने बताया कि दोनों नेता सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से दूर करने पर भी सहमत हुए हैं. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि वार्ता करेंगे. वहीं, पीएम मोदी अपने दो दिवसीय चीन दौरे के बाद शनिवार को स्वदेश वापस लौट आए.

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