सेना में शामिल हुई स्वदेशी धनुष तोप, किसी भी मौसम में दुश्मन पर कर कर सकती है वार

भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसी के तहत इस साल अप्रेल में सेना को सौंपी गई जबलपुर की गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) में स्वदेशी तकनीक से बनाई गई यह तो बोफोर्स तोप का उन्नत संस्करण है और विश्व की सर्वश्रेष्ठ तोपों के मुकाबले तकनीकी रूप से बेहतर है। भारतीय सेना की आर्टिलरी विंग में अब इस तोप को शामिल कर लिया गया है। बुधवार को भारतीय सेना के आर्मी कोर कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी गई। वहीं सेना ने अपनी तोपों के लिए अमेरिकी एक्सकैलीबर (Excalibur) आर्टिलरी गोला-बारूद को शामिल किया है। इसके कारण सेना अब दूर के लक्ष्यों को भी आसानी से भेद सकेगी।

बोफोर्स का उन्नत संस्करण ‘धनुष’

धनुष तोप स्वीडन की 155 मिमी बोफोर्स तोप का उन्नत संस्करण है। भारत ने 1980 के दशक में बोफोर्स तोप खरीदी थीं, जिनकी मूल डिजाइनों पर यह तोप भी आधारित है। इसलिए इसे धनुष तोप को देसी बोफार्स भी कहा जाता है। धनुष 155 एमएम/45 कैलिबर की तोप है। इसमें सटीकता के साथ 38 किमी. (बोफोर्स तोप से 11 किमी. अधिक) की मारक क्षमता है। यह उपयोग होने वाले गोलाबारूद को अधिक अग्नि शक्ति देती है।

यह तोप पूरी तरह स्वचलित (ऑटोमेटिक) है, जिससे रात में आसानी से फायरिंग की जा सकती है। इस तोप का बड़ा चैंबर होने से इसका वजन सामान्य से थोड़ा अधिक है। इसके 81 फीसद कलपुर्जे स्वदेशी हैं, जिनको 90 फीसद तक बढ़ाए जाने पर काम चल रहा है। एक धनुष तोप की कीमत लगभग साढ़े 14 करोड़ रुपए और इसके एक शेल (गोला या बम) की कीमत करीब एक लाख रुपए है। भारतीय सेना ने जीसीएफ को 114 तोपों के उत्पादन का ऑर्डर दिया है जिसे 2023 तक पूरा किया जाएगा।

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