BCCI में ‘बिग बॉस की कुर्सी संभालने से पहले सौरव गांगुली ने गिनाईं चुनौतियां, आप भी जानिए

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के नए अध्यक्ष बनने जा रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी नई जिम्मेदारी को बहुत चुनौतीपूर्ण मानते हुए कहा कि यह उनके लिए बड़ा मौका है और बिखरी बीसीसीआइ को समेटना उनकी पहली प्राथमिकता है। बीसीसीआइ के सदस्य राजीव शुक्ला ने सौरव गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान सोमवार को किया था।

पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली ने कहा, “मैंने इस पद के लिए कभी भी अपनी इच्छा जाहिर नहीं की थी। मौजूदा हालात और लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। मुझे काफी दिन तक पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। इसके बाद मुझे बताया गया कि मैं अध्यक्ष हूं और मेरी टीम यह रहेगी। मुझे सदस्यों ने चुना है। सदस्य ही हमेशा चुनते हैं। उन्होंने मुझे चुना तो मैंने हां कहा।”

दादा ने भरा नामांकन

सोमवार को मुंबई स्थिति बीसीसीआइ कार्यालय में गांगुली ने अध्यक्ष, जय शाह ने सचिव, अरुण सिंह धूमल ने कोषाध्यक्ष, माहिम वर्मा ने उपाध्यक्ष, जयेश जॉर्ज ने संयुक्त सचिव पद के लिए नामांकन भरा। इन सभी पदों पर सिर्फ एक ही नामांकन भरे गए हैं जिससे इनका निर्विरोध चुनाव जीतने का रास्ता साफ हो गया है। 23 अक्टूबर को बीसीसीआइ के चुनाव होने है।

पद संभालना चुनौतीपूर्ण

सौरव गांगुली ने बीसीसीआइ अध्यक्ष पद की चुनौतियां और भविष्य पर अपनी सोच बताई। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है क्योंकि मैं देश के लिए खेला हूं और कप्तान रहा हूं। मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले तीन साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसकी छवि बहुत खराब हुई है। मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है।

निर्विरोध चुने जाने को बताया बड़ी जिम्मेदारी

कूलिंग ऑफ पीरियड के कारण उन्हें जुलाई 2020 में पद छोड़ना होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं। भारत क्रिकेट का महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी। यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ नौ महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा कि हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है। जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैने बृजेश का नाम लिया। मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं। मैने कभी बीसीसीआइ चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है।

क्रिकेटरों का आना अच्छा

गांगुली का कहना है कि क्रिकेटरों का प्रशासन में आना अच्छी बात है। इससे भारत में खेल को फायदा होगा। गांगुली ने कहा कि पहले भी क्रिकेटर प्रशासन में आते रहे हैं लेकिन इतने बड़े पद पर कोई नहीं आया। गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह बीजेपी के लिए प्रचार करेंगे। उन्होंने ना में जवाब दिया उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा।

वहीं, बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर सौरव गांगुली भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज हो सकूंगा। वह मेरे लिए पितातुल्य थे। बीसीसीआइ के कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं, श्रीनिवासन, अनुराग जिन्होंने अच्छा काम किया। यह कप्तानी से अलग होगा। भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं है।

हितों का टकराव चिंता का विषय

गांगुली ने कहा कि हितों का टकराव भारतीय क्रिकेट के सामने सबसे बड़े मुद्दों में से एक है क्योंकि इसके विवादास्पद नियम सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को इस खेल के प्रशासन में आने से रोक रहे है। गांगुली खुद भी हितों के टकराव के मुद्दे का सामना कर चुके है। उन पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) और आइपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के मेंटोर रहने के कारण दोहरी भूमिका निभाने का आरोप लगा था।

वह पहले ही दिल्ली कैपिटल्स से अलग हो चुके हैं जबकि 23 अक्टूबर को बीसीसीआइ अध्यक्ष का पद भार संभालने के बाद वह कैब के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे देंगे। गांगुली ने कहा कि हितों का टकराव का मुद्दा बड़ा है और मुझे यह नहीं पता है कि मैं सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों की सेवाएं ले पाऊंगा या नहीं क्योंकि उनके पास दूसरे विकल्प भी मौजूद होंगे। गांगुली ने साफ किया कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ के मौजूदा नियम क्रिकेट के पूर्व दिग्गजों को प्रशासन में आने से रोकेगा क्योंकि उन्हें अपनी आजीविका कमाने की भी जरूरत होगी।

उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, “सौरव गांगुली को सर्वसम्मति से बीसीसीआइ अध्यक्ष निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई। आपके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं। आपने भारत और बांग्ला को गौरवान्वित किया है। हम कैब अध्यक्ष के तौर पर आपके कार्यकाल से गौरवान्वित हैं। हम एक और महान पारी की ओर देख रहे हैं।”

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