यहां बारिश का ऐसा डर कि रावण को भी पहनना पड़ा रेनकोट

विजयादशमी पर मंगलवार को शहर में डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। दशहरा उत्सव समितियां इसकी तैयारी में जुटी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने परेशानियां खड़ी दी हैं। रविवार को जैसे ही दशहरा मैदान पर रावण के पुतले के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर खड़ा करना शुरू किया वैसे ही तेज बारिश होने लगी। हालांकि काफी मशक्कत के बाद पुतले को खड़ा किया गया लेकिन परेशानी बरकरार रही। इसके चलते पुतले को प्लास्टिक से ढंका गया।

दशहरा उत्सव समिति के संयोजक सत्यनारायण सलवाड़िया ने बताया कि लगातार बारिश को देखते हुए हमने वैकल्पिक व्यवस्था की है। रावण के पुतले के सिर व अन्य हिस्से बारिश के कारण टूट-फूट सकते हैं, इसलिए उन्हें बदलने की व्यवस्था भी की है। दहन के लिए यहां 101 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया है, जबकि लंका को हम दशहरे वाले दिन ही बनाएंगे।

चिमनबाग मैदान पर मोटर से निकाल रहे पानी

बारिश के चलते चिमनबाग और रामबाग पर वाटरप्रूफ रावण बनाया गया है। हालांकि यहां मैदान में पानी भरा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आयोजन समिति के अनुसार चिमनबाग पर 110 फीट और रामबाग पर 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। चिमनबाग दशहरा उत्सव समिति के अरविंद यादव और अनिल यादव का कहना है कि मैदान में भरा पानी मोटर से निकाला जा रहा है। पुतला तैयार है जिसे सोमवार को खड़ा किया जाएगा।

तिलक नगर का पुतला आज होगा खड़ा

पहले तिलक नगर का रावण का पुतला अष्टमी को खड़ा किया जाता था लेकिन इस बार बारिश को देखते हुए सोमवार या मंगलवार को खड़ा किया जाएगा। उत्सव समिति के संरक्षक दादू महाराज ने बताया कि 51 फीट ऊंचा रावण रावण का पुतला और 71 फीट लंबी लंका तिलक नगर स्कूल पर दहन की जाएगी। इस मौके पर वरिष्ठ प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाएगा। यहां 58 सालों से रावण के पुतले का दहन किया जा रहा है।

स्कीम 78 में 75 फीट ऊंचा पुतला

स्कीम 78 में रावण के 75 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया जाएगा। इसका दहन रात 8.30 बजे होगा। रावण दहन समिति के अध्यक्ष जितेंद्रसिंह बुंदेला ने बताया कि रावण की गर्दन पहले अलग होगी और फिर जलेगी। इस अवसर पर प्रतिभावान लोगों का सम्मान भी किया जाएगा।

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