प्रेरक-प्रसंग: आलू, अंडा और कॉफी बीन्स

एक दिन एक छोटी सी लड़की अपने पिता को दुख व्यक्त करते-करते अपने जीवन को कोसते हुए यह बता रही थी कि उसका जीवन बहुत ही मुश्किल दौर से गुज़र रहा है । साथ ही उसके जीवन में एक दुख का समय जाता है तो दूसरा चला आ रहा है और वह इन मुश्किलों से लड़ लड़ कर अब थक चुकी है । वह करे तो क्या करे !

उसके पिता प्रोफेशन से एक शाहकार (Chef) थे । अपनी बेटी के इन शब्दों को सुनने के बाद वह अपनी बेटी को रसोईघर लेगया और 3 कढाई में पानी डाल कर तेज आग पर रख दिया । जैसे ही पानी गरम हो कर उबलने लगे, पिता नें एक कढाई एक आलू डाला, दुसरे में एक अंडा और तीसरे में कुछ कॉफ़ी बीन्स दल दिए ।

वह लड़की बिना कोई प्रश्न किये अपने पिता के इस काम को ध्यान से देख रही थी ।

कुछ 15-20 मिनट के बाद उन्होंने आग बंद कर दिया और एक कटोरे में आलू को रखा, दुसरे में अंडे और कॉफ़ी बीन्स वाले पानी को कप में । पिता ने बेटी की तरफ उन तीनों कटोरों दिखाते हुए एक साथ कहा ! आलू, अंडे, और कॉफ़ी बीन्स ।

पिता ने दुबारा बताते हुए बेटी से कहा ! पास से देखो इन तीनों चीजों को –

बेटी ने आलू को देखा जो उबलने के कारण मुलायम हो गया था । उसके बाद अंडा को देखा जो उबलने के बाद अन्दर से कठिन हो गया था । और आखरी में जब कॉफ़ी बीन्स को देखा तो उस पानी से बहुत ही अच्छी खुशबु आरही थी । पिता ने बेटी से पुछा ! क्या तुमको पता चला इसका मतलब क्या है ?

तब उसके पिता ने समझाते हुए कहा इन तीनो चीजों ने अलग अलग तरीके से प्रतिक्रिया किया परन्तु जो मुश्किल उन्होंने झेला वह समान था । साथ ही उसने अपनी बेटी से प्रश्न किया ! जब विपरीत परिस्तिथि तुम्हारे जीवन में आते हैं तो तुम क्या बनना चाहोगे आलू, अंडा या कॉफ़ी बीन्स ।

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