ट्रंप की दादागीरी, केमिकल के बहाने UN की मंजूरी लिए बिना सीरिया पर अटैक

सीरिया पर मिसाइल हमला करके अमेरिका ने एक बार फिर से दुनिया को अपनी दादागीरी दिखाई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मंजूरी लिए बिना ही सीरिया पर यह बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की गई है. सीरिया पर केमिकल हमले के जवाब में अमेरिका की इस कार्रवाई में फ्रांस और ब्रिटेन भी उसका साथ दे रहे हैं. वहीं, ईरान ने सीरिया पर किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया है.

इसके अलावा रूस ने सीरिया पर किए गए हमले को लेकर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनी दी है. साथ ही सीरिया में केमिकल हमले के आरोपों को झूठ बताया है. वहीं, फ्रांस ने सीरिया पर की गई इस कार्रवाई को सही ठहराया है. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली ड्रियन ने इस सैन्य कार्रवाई को जस्टिफाई करते हुए कहा कि सीरिया को केमिकल हथियार इस्तेमाल करने से रोकने की राजनयिक कोशिशों पर रूस बार-बार अड़ंगा लगा रहा था, जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी के बिना इस सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

उन्होंने कहा कि सीरिया साल 2013 में रिजोल्यूशन 2118 के तहत अपने केमिकल हथियारों को नष्ट करने को सहमत हुआ था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, जो संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है. फ्रांस ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सीरिया के खिलाफ कार्रवाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. सीरिया को लेकर फ्रांस का इतना कड़ा रुख केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के बाद आया है.

सीरिया में केमिकल हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरियाई सरकार के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है. अमेरिका के साथ लामबंद फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया के होम्स के पश्चिम स्थित केमिकल भंडारण ठिकाने, कमांड पोस्ट व केमिकल उपकरण भंडारण ठिकाने और दमिश्क स्थित साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर हमला बोला यानी सीरिया के तीन ठिकानों पर हमला किया गया. अमेरिका ने सीरिया पर हमला करने के लिए B-1 बॉम्बर्स, टोरनाडो जेट्स और युद्धपोत का इस्तेमाल किया.

बताया जा रहा है कि शनिवार तड़के चार बजे दमिश्क में कई धमाकों की आवाज सुनी गई. साथ ही दमिश्क के इलाके से धुंधा उठता भी देखा गया. इससे पहले आसमान में विमान के उड़ने की आवाज सुनी गई. ब्रिटेन के जेट से एक मिसाइल ठिकाने पर हमला किया गया. माना जा रहा है कि यहां पर सीरियाई सरकार केमिकल हथियारों को जमा कर रही थी, जबकि फ्रांस ने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई का मकसद सीरियाई सरकार के गोपनीय केमिकल हथियारों को निशाना बनाना था.

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