वीआईपी कल्चर से दूर रहकर आमजन तक पहुँचे मंत्री- मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी ढाई साल पुरानी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद, एक संवाददाता सम्मेलन में योगी ने कहा कि सम्पूर्ण मंत्रिमण्डल एकजुटता के साथ प्रदेश के विकास के लिए कार्य करेगा! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार जनहितकारी योजनाओं से आम जनता को लाभान्वित करने के लिये तकनीक का प्रयोग कर रही है और उनका समूचा मंत्रिमण्डल एकजुटता के साथ प्रदेश के विकास के लिए कार्य करेगा! लाल बहादुर शास्त्री भवन में अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुये श्री योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनके परिणाम अब दिखने भी लगे हैं! उत्तर प्रदेश, केन्द्र सरकार की कई फ्लैगशिप योजनाओं जैसे ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’, शौचालय निर्माण इत्यादि में देश में प्रथम स्थान पर है! लगभग ढाई साल के अंदर प्रदेश की कार्य संस्कृति बदल गई है और शासन-प्रशासन मिलकर सकारात्मक ऊर्जा के साथ विकास के लिए सम्मिलित प्रयास कर रहे हैं! अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति है!योगी ने नए मंत्रियों को बताया गया, उन्हें क्या नहीं करना है,लोगों के साथ सामान्य तरीके से व्यवहार ही करें होटलों में नहीं ठहरें, गेस्ट हाउस को दें तरजीह वीआईपी कल्चर से दूरी बनाए रखने को कहा!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लगभग ढाई साल की इस अवधि में प्रयागराज कुम्भ-2019, 15वां प्रवासी भारतीय दिवस, इन्वेस्टर्स समिट 2018 जैसे कई विशाल आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए जा चुके हैं! कुम्भ के सफल आयोजन से इसकी ब्राण्डिंग में महत्वपूर्ण सफलता मिली है! इससे देश प्रदेश का सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है! वही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो गया है! तेईस नए मंत्रियों का नाम जुड़ा है! यानि उत्तर प्रदेश में अब छप्पन मंत्री हो गए हैं! मगर इस विस्तार से पहले कई विकेट भी गिरे, कई मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंपे थे! जिनमें से 5 के मंजूर हो गए हैं! इनमें से एक तो स्वतंत्र देव सिंह हैं! जोकि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बना दिए गए हैं! बीजेपी की ‘एक व्यक्ति एक पद’ नीति के तहत उन्होंने अपने परविहन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था! उनके अलावा चार और लोगों के इस्तीफे मंजूर हुए हैं, मगर उसकी वजह कोई प्रमोशन नहीं बल्कि कुछ और है! योगी ने तेईस नए मंत्री बनाए, लेकिन चार मंत्री को पैदल भी किया गया! उत्तर प्रदेश सरकार से इस्तीफा देने वाले प्रमुख राजेश अग्रवाल बरेली कैंट के विधायक, लगातार सात बार विधायक हैं, जो पेशे से व्यापारी हैं और 2004 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रहे! खुद राजेश ने भी ट्वीट कर ये जानकारी दी है! तबादलों में मनमानी के आरोप लगे, राजेश अग्रवाल ने स्थानांतरण नीति के परे जाकर जो भी तबादले किए, उन फाइलों को अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया! “अर्चना पांडेय”खनन विभाग की राज्य मंत्री कन्नौज से चार बार विधायक रही और पूर्व मंत्री राम प्रकाश त्रिपाठी की बेटी, जो कन्नौज की छिबरामऊ सीट से विधायक!अर्चना पांडेय का एक स्टिंग ऑपरेशन में अर्चना पांडेय के निजी सचिव पर भी गाज गिरी थी! इनके ऊपर आरोप लगा कि उन्होंने संगठन के काम में निष्क्रियता भी एक कारण! “अनुपमा जायसवाल” बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद से इस्तीफा दिया! बहराइच से पहली बार की विधायक हुई हैं इनके ऊपर आरोप लगा कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादलों के साथ विभाग में जूते-मोजे, स्वेटर और पाठ्य पुस्तकों के टेंडर को लेकर विवाद काफ़ी चर्चा में रहा है! एक स्टिंग ऑपरेशन में अनुपमा के दफ्तर का भी नाम सामने आया! तब अनुपमा के दफ्तर में कार्यरत निजी सचिव को हटाया गया था! बेसिक अध्यापक भर्ती में अभी तक उच्च न्यायालय में विचाराधीन है! इनके कार्यकाल में हुई 68,500 शिक्षकों की भर्ती में भी अनियमितताओं की शिकायतें आईं! “धर्मपाल सिंह” सिंचाई मंत्री के पद से इस्तीफा बरेली की आंवला सीट से विधायक एक सीनियर नेता हैं, यह कल्याण सिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं!2017 विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी नाम चर्चा में आया था, सिंचाई विभाग में तबादलों में गड़बड़ी और कमीशनखोरी के आरोपों पर गाज गिरी हैं!वही पांच मंत्रियों के अलावा सांसद चुने जाने के बाद सत्यदेव पचौरी, प्रो. एसपी बघेल और प्रो. रीता बहुगुणा जोशी पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं! मंत्रिमंडल विस्तार में इन खाली पदों को भी समायोजित कर लिया गया है! सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने भी इस्तीफा दिया था, लेकिन यह स्वीकार नहीं किया गया! उत्तर प्रदेश सरकार में नए मंत्री बनने वाले कैबिनेट मंत्री -डॉ. महेंद्र सिंह, सुरेश राणा, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, राम नरेश अग्निहोत्री, कमला रानी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नील कंठ तिवारी, कपिल देव अग्रवाल, सतीश द्विवेदी, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान और रवींद्र जायसवाल, राज्य मंत्री- अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ल, विजय कश्यप, डॉ. गिरिराज सिंह धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रमाशंकर सिंह पटेल को ज़िम्मेदारी प्रदान की गयीं हैं! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनेक्सी में मंत्रिमंडल के नए सदस्यों के साथ बैठक की, योगी ने उन्हें उनकी जिम्मेदारी समझाई! क्या करना है, इससे अधिक फोकस क्या नहीं करना पर है किया। उन्होंने कहा कि आप लोग जितना सहज रहेंगे, जनता के बीच उतने प्रभावी रहेंगे! बेहतर काम ही ईनाम देगा!

मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों को ढाई साल में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और योजनाओं से अवगत कराया! उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर से दूरी बनाएं, होटलों में ठहरने के बजाय सरकारी गेस्ट हाउसों को तरजीह दें! भाषा में संयम, काम में ईमानदारी और व्यवहार में शालीनता रखें! माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में की गई छंटनी की ओर सीएम का संकेत हैं कि
केंद्र-प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले विभागों के मंत्रियों को प्रमोशन का तोहफा मिला! सीएम योगी ने कहा कि महेंद्र सिंह की अगुवाई में ग्राम्य विकास विभाग ने बारह राष्ट्रीय पुरस्कारों में सभी जीते! मनरेगा में शानदार काम हुआ! सुरेश राणा की अगुवाई में गन्ना विकास विभाग ने जितना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ, उतना दस सालों में नहीं हुआ! सीएम ने पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई! अनिल राजभर ने होमगार्ड विभाग में कई अहम सुधार किए! नीलकंठ तिवारी ने संगठन व सरकार दोनों ही जिम्मेदारियों को बेहतर निभाया! योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार जनहितकारी योजनाओं से आम जनता को लाभान्वित करने के लिये तकनीक का प्रयोग कर रही है और उनका समूचा मंत्रिमण्डल एकजुटता के साथ प्रदेश के विकास के लिए कार्य करेगा! योगी ने कहा कि सम्पूर्ण मंत्रिमण्डल एकजुटता के साथ प्रदेश के विकास के लिए कार्य करेगा! अपनी सरकार की उपलब्धियों के साकार होने पर योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनके परिणाम अब दिख रहे हैं!शासन-प्रशासन मिलकर सकारात्मक ऊर्जा के साथ विकास के लिए सम्मिलित प्रयास कर रहे हैं! अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति है! पन्द्रहवां प्रवासी भारतीय दिवस, इन्वेस्टर्स समिट-2018 जैसे कई विशाल आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए जा चुके हैं!कुम्भ के सफल आयोजन की सफलता से देश-प्रदेश का सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है! योगी ने कहा कि इसी माह पूरे प्रदेश में बाइस करोड़ से अधिक पौधों का रोपण सम्पन्न हुआ है! हाल ही में लोक सभा चुनाव शान्तिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ, जो एक बड़ी उपलब्धि है!इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राज्य सरकार को एमओयू में से चालीस प्रतिशत का क्रियान्वयन हुआ है! खाद्यान्न वितरण के लिए ई-पॉस मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पात्र व्यक्ति को उचित दर पर राशन मिल रहा है और अब इसमें किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हो पा रही है! उन्होने कहा कि ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत बड़ी संख्या में राज्य के गरीब परिवारों को लाभान्वित किया गया है!‘आयुष्मान भारत’ के तहत प्रदेश के 1.08 लाख परिवारों को आच्छादित किया गया है! प्रदेश की विद्युत वितरण व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की है! प्रदेश के 1.67 लाख मजरों का विद्युतीकरण द्वारा जोड़ा गया है!

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब मिशन 2022 की तरफ देख रही है! सरकार को ढाई साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, जाहिर है आधा वक्त पूरा हो गया है! वैसे तो सरकार अपने खाते में तमाम उपलब्धियां गिनाती रही है लेकिन कानून व्यवस्था और तमाम विभागों को लेकर लोगों की शिकायतें सरकार की तारीफों में पैबंद की तरह लगी हुई हैं! कुछ खामियों को छुपाने से ज्यादा नेताओं को खुश करने की कोशिश ज्यादा छिपी हुई है, वही शासन प्रशासन में बैठे कुछ अधिकारी सरकार की योजना में पलीता लगाने में लगे हुए, जिसका एक उदाहरण मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल (IGRS) पर विभिन्न विभागों द्वारा कोताही सामने देखने को मिली है! जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुची, तो अधिकारियों ने दिन रात बैठ कर शिकायत का निस्तारण करना शुरू किया है!

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