SIM स्वैप की ये घटना आपको कर देगी हैरान, 18 लाख रु की बड़ी ठगी

आजकल काफी सिम स्वैप फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं. आए दिन इसके जरिए हो रही धोखाधड़ी की खबरें आती रहती हैं जिसमें जालसाज लाखों रुपये की चोरी को अंजाम देते हैं. ताजा मामले में ऐसे ही एक फ्रॉड में दिल्ली के एक कारोबारी के बैंक अकाउंट से 18 लाख रुपये की चोरी हो गई. जालसाज इस ठगी को अंजाम देने के लिए अपने शिकार के बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बड़ी चालाकी से बदल देते हैं. इतना ही नहीं, पकड़े जाने के डर से ये जालसाज पैसों को अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं. आइए जानते हैं किस प्रकार सिम स्वैप की जालसाजी से बचा जा सकता है. 

समझें क्या है सिम स्वैप : सिम स्वैप का मतलब है सिम एक्सचेंज या सिम की क्लोनिंग. इसमें आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है. ऐसा होते ही आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और फोन से सिग्नल गायब हो जाते हैं. अब आपके नंबर से रजिस्टर हुए दूसरे सिम पर आने वाले ओटीपी को इस्तेमाल कर कोई दूसरा शख्स आपके पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है.

ऐसे होती है शुरुआत : इसकी शुरुआत होती है एक कॉल से, जिसमें सामने वाला व्यक्ति यह दावा करता है वह एयरटेल, वोडाफोन या फिर किसी अन्य सर्विस प्रवाइडर का एग्जिक्युटिव है. ये आपके स्मार्टफोन पर कॉल ड्रॉप ठीक करने या फिर इंटरनेट स्पीड बढ़ाने से की बात करते हैं.

मांगते हैं सिम नंबर : बातचीत के दौरान वह आपसे आपके सिम का 20 डिजिट का यूनिक नंबर मांगने की कोशिश करते हैं. यह नंबर आपके सिम के पीछे लिखा होता है. एक बार आपका नंबर मिलने के बाद ये आपसे 1 प्रेस करने को कहते हैं, जिससे ऑथेन्टिकेशन होता है और सिम स्वैप का प्रोसेस पूरा हो जाता

आजकल काफी सिम स्वैप फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं. आए दिन इसके जरिए हो रही धोखाधड़ी की खबरें आती रहती हैं जिसमें जालसाज लाखों रुपये की चोरी को अंजाम देते हैं. ताजा मामले में ऐसे ही एक फ्रॉड में दिल्ली के एक कारोबारी के बैंक अकाउंट से 18 लाख रुपये की चोरी हो गई. जालसाज इस ठगी को अंजाम देने के लिए अपने शिकार के बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बड़ी चालाकी से बदल देते हैं. इतना ही नहीं, पकड़े जाने के डर से ये जालसाज पैसों को अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं. आइए जानते हैं किस प्रकार सिम स्वैप की जालसाजी से बचा जा सकता है. 

समझें क्या है सिम स्वैप : सिम स्वैप का मतलब है सिम एक्सचेंज या सिम की क्लोनिंग. इसमें आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है. ऐसा होते ही आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और फोन से सिग्नल गायब हो जाते हैं. अब आपके नंबर से रजिस्टर हुए दूसरे सिम पर आने वाले ओटीपी को इस्तेमाल कर कोई दूसरा शख्स आपके पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है.

ऐसे होती है शुरुआत : इसकी शुरुआत होती है एक कॉल से, जिसमें सामने वाला व्यक्ति यह दावा करता है वह एयरटेल, वोडाफोन या फिर किसी अन्य सर्विस प्रवाइडर का एग्जिक्युटिव है. ये आपके स्मार्टफोन पर कॉल ड्रॉप ठीक करने या फिर इंटरनेट स्पीड बढ़ाने से की बात करते हैं.

मांगते हैं सिम नंबर : बातचीत के दौरान वह आपसे आपके सिम का 20 डिजिट का यूनिक नंबर मांगने की कोशिश करते हैं. यह नंबर आपके सिम के पीछे लिखा होता है. एक बार आपका नंबर मिलने के बाद ये आपसे 1 प्रेस करने को कहते हैं, जिससे ऑथेन्टिकेशन होता है और सिम स्वैप का प्रोसेस पूरा हो जाता

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