भारत और पाकिस्‍तान के बीच बस सेवाएं बंद, अमृतसर व दिल्‍ली से अब लाहौर नहीं जाएंगी बसें

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव का असर अमृतसर-लाहौर के बीच चलने वाली बस सेवा पर भी पड़ा है। शनिवार को पाकिेस्‍तान ने भारत से अपनी बस मंगवा ली और लाहौर से भारत की बस को खाली लौटा दिया गया। पाकिस्‍तान की ओर से इस बस सेवा को बंद या निलंबित किए जाने के बारे में लिखित सूचना नहीं दी गई है। यहां लौटी बस के चालक के अनुसार, पाकिस्‍तान के टर्मिनल अधिकारी ने मौखिक रूप से इस बस सेवा को फिलहाल बंद करने की बात कही। इसके साथ ही दिल्‍ली और लाहौर के बीच चलने वाली बस सेवा भी बंद कर दी गई है।

बता दें कि अमृतसर-लाहौर और ननकाना साहिब-अमृतसर बसें रोजाना की तरह शुक्रवार को चलीं। शनिवार को भी दोनों बसों ने शनिवार सुबह करीब 10.45 बजे अटारी के पास एक-दूसरे को क्रास किया। पूर्व में यह दोनों बसें अलग-अलग समय पर अटारी पहुंचती थीं। यह पहली बार था कि भारत-पाक के बीच चलने वाले ये बसें एक समय पर अटारी पहुंचीं। इसके बाद खुलासा हुआ कि पाकिस्‍तान ने अपनी बस को अमृतसर से खाली ही वापस मंगवाया है और लाहौर से भारत की बस को खाली लौटाया है।

दिल्ली लाहौर के सदा-ए-सरहद बस सेवा भी बंद
अमृतसर-लाहौर व अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा पर ब्रेक के साथ ही दिल्ली ओर लाहौर के बीच चलने वाली सदा-ए-सरहद बस भी बंद कर दी गई है। इस सेवा के तहत शुक्रवार को लाहौर बस गई थी। वहां से तीन यात्री लेकर बस नई दिल्‍ली के चली। इधर से पाकिस्तान की बस भी शनिवार सुबह दिल्ली से दो सवारी लेकर पाकिस्तान वापस चली गई। इसके बाद बस सेवा बंद किए जाने का पाकिस्तान का लिखित संदेश मिलने की खबर है। यह संदेश की सुरक्षा एजेंसियों को मिला है। जिसे विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया। दिल्ली से लाहौर के लिए अब बस साेमवार को जानी थी। सदा ए सरहद  बस सेवा 1999 में शुरू हुई थी और यात्रा की शुरूआत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बस में पाकिस्तान जाकर की थी।

अमृतसर से लाहौर के लिए रवाना होती पाकिस्‍तान की बस।

बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 और 35ए को समाप्‍त किए जाने के बाद पाकिस्तान के मंत्री ने भारत-पाक के बीच बस सेवा को भी बंद करने का ऐलान किया था। हालांकि इसके बाद भी अमृतसर-लाहौर बस सेवा जारी थी। शुक्रवार को दिल्ली-लाहौर और लाहौर-दिल्ली के अलावा अमृतसर-लाहौर और लाहौर-अमृतसर के बीच बसें सामान्य रूप से ही चलीं। शुक्रवार को दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली बस सुबह 8.35 बजे जेसीपी अटारी पहुंची। इस बस में 22 यात्री सवार थे। इसी तरह लाहौर से दिल्ली के बीच चलने वाली बस दोपहर दो बजे जेसीपी पहुंची और इसमें कुल 28 यात्री सवार थे। 

अमृतसर-लाहौर के बीच चलने वाली बस में दो यात्री आए, जबकि अमृतसर से लाहौर जाने वाली बस में सिर्फ एक यात्री ने शुक्रवार को सफर किया। इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी पर शुक्रवार को भी कारोबार जारी रहा। पाकिस्तान की ओर से कुल छह ट्रक आइसीपी अटारी पहुंचे, जबकि भारत की ओर से सिर्फ एक ट्रक जीरो लाइन पार करके पाकिस्तान गया। इसके बाद शनिवार को पाकिस्‍तान ने बिना काेई पूर्व सूचना दिए अमृतसर-लाहौर बस सेवा को बंद करने का कदम उठाया।

लाहौर से वापस आई भारत की बस।

शनिवार को अमृतसर से सुबह पाकिस्‍तान की बस बिना किसी यात्री के लाहौर के लिए रवाना हो गई। इसके साथ ही लाहौर से भारत की बस खाली अमृतसर लौट आई। भारत के बस के ड्राइवर का कहना है, लाहौर बस टर्मिनल के अधिकारी ने बस सेवा को फिलहाल बंद करने की मौखिक सूचना दी और बस खाली ही अमृतसर ले लाने को कहा। चालक ने कहा, ‘हमें अभी तक बस सेवा के निलंबन के संबंध में पाकिस्तान से कोई आधिकारिक या लिखित बयान नहीं मिला है। उनके टर्मिनल अधिकारी ने  बस मौखिक रूप से सूचित किया है।’

बस चालक इंद्र सिंह कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों के भारतीय बस को भविष्य में लाहौर नहीं लाने को कहा।  इंद्र सिंह ने बताया कि वह शुक्रवार को  यह बस लेकर पाकिस्तान गया था। आज सुबह बस निकालने तक उन्हें इस तरह की कोई सूचना नहीं थी। जैसे ही उन्होंने पाकिस्तान के बस टर्मिनल से बस को निकालना शुरू किया तो पाक अधिकारी उसके पास आए।

इंद्र सिंह के अनुसार, टर्मिनल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने उनके पास आकर कहा कि आगे से वह बस लेकर पाकिस्तान नहीं आएं। इसके साथ ही एमडी ने उन्हें यह भी कहा कि इस बाबत वह लिखित रूप से जानकारी भारत सरकार तक जल्द ही भेज देंगे। चालक ने बताया कि पाकिस्तानी अफसरों का रवैया काफी उखड़ा हुआ नजर आ रहा था।

दूसरी ओर, अमृतसर के अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल के जनरल मैनेजर सुभाष चंद्र ने पाकिस्तान की ओर से इस बारे में कोई सूचना या संदेश मिलने से इन्‍कार किया। उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में उन्हें अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।

पाकिस्‍तान से बस वापस लाने के बाद घटनाक्रम के बारे में जानकारी देता बस चालक।

सिख श्रद्धालुओं के लिए शुरू की गई थी अमृतसर-ननकाना साहिब बस सेवा
आजादी के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 400वें प्रकाश पर्व अमृतसर से ननकाना साहिब से अमृतसर के बीच शुरू की थी। 1 सितंबर 2004 को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह अमृतसर पहुंचे थे तो इस बारे में मांग उठी थी। इसके बाद 24 मार्च 2006 को डा. मनमोहन सिंह ने पंज-आब बस सेवा को झंडी देकर इसकी शुरुआत की थी। तब इसे दोनों देशों के बीच एक नई शुरुआत होने का फैसला किया गया था।

अमृतसर-ननकाना साहिब के बीच 160 किलोमीटर की दूरी लग्जरी बस में सफर तय करने के लिए श्रद्धालुओं से भारतीय करंसी में तब 1,600 रुपये जबकि पाकिस्तानी करंसी में इसका किराया 2,000 रुपये था। जबकि दो साल से लेकर 12 साल तक के बच्चे के लिए फ्री टिकट का प्रावधान था।

सितंबर 2005 में हुआ था अमृतसर-लाहौर बस का फैसला
अमृतसर और लाहौर के बीच बस चलाने का फैसला सितंबर 2005 में बातचीत के दूसरे राउंड में हुआ था और दोनों देशों के बीच इसके लिए लाहौर में 21 दिसंबर 2005 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें 20 जनवरी 2006 से यह बस शुरू करने का समझौता हुआ था। 20 जनवरी 2006 को लाहौर से पहली बार अमृतसर बस आई और 24 जनवरी 2006 को अमृतसर से पहली बार लाहौर के लिए बस रवाना हुई। पाकिस्तान से अमृतसर के बीच चलने वाली पहली बस को दोस्ती नाम दिया गया था, जिसने ईस्ट और वेस्ट पंजाब के गैप में ब्रिज का काम किया। यह बस अमृतसर से 66 किलोमीटर का सफर तय करके लाहौर पहुंचती थी।

सप्ताह में दो दिन चलती थीं बसें
अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल अमृतसर से ननकाना साहिब के लिए प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे चलती थी। जबक ननकाना साहिब से अमृतसर के लिए सप्ताह में दो दिन प्रत्येक मंगलवार और शनिवार की सुबह 9 बजे यह बस चलती थी।

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