जानें कब आएगा इनका Time, संरक्षित स्मारकों को संरक्षण का इंतजार

ताजनगरी में ताजमहल के पास संरक्षित स्मारकों को संरक्षण का इंतजार है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने हवेली आगा खां और हाथीखाना को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक तो घोषित कर रखा है, लेकिन उचित देखरेख के अभाव में वो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। ताजमहल के पूर्वी गेट से यमुना किनारा की तरफ रास्ता जाता है, जो आगे दो मार्गों में बंट जाता है। इनमें से एक दशहरा घाट की तरफ जाता है तो दूसरा नगला पैमा की तरफ चला जाता है।

नगला पैमा वाले मार्ग पर कुछ दूर चलने पर यमुना किनारे पर हवेली आगा खां और उसके नजदीक ही हाथीखाना पड़ते हैं। पिछले वर्ष अगस्त में इनको संरक्षित स्मारक घोषित करते हुए फाइनल नोटिफिकेशन किया गया था। एएसआइ ने इसके बाद हाथीखाना के चारों ओर फेंसिंग और हवेली आगा खां में सफाई कराई। दोनों को ही संरक्षण की आवश्यकता है। हाथीखाना में जगह-जगह से लाखौरी ईंटें निकल आई हैं। मेहराब में कई जगह दरारें आ गई हैं। चूने का प्लास्टर झड़ गया है। रेड सैंड स्टोन के पत्थर भी जगह-जगह से निकल चुके हैं। हवेली आगा खां यमुना नदी के किनारे पर बनी है। इसमें तीसरी मंजिल पर बनी बुर्जी के अवशेष बचे हैं। भवन में लगे दरवाजों व खिड़कियों का कहीं पता नहीं है। यमुना किनारे की तरफ दीवार से रेड सैंड स्टोन निकल गए हैं।

टीलों के नीचे दबे हैं राज

हाथीखाना और हवेली आगा खां के पास टीले हैं। एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन बताते हैं कि एएसआइ को इन टीलों पर खोदाई करानी चाहिए। इससे यहां जमीं में दबे राज सामने आएंगे।

एएसआइ की संरक्षण की जिम्मेदारी

एएसआइ द्वारा इन स्मारकों के लिए वर्ष 2014 में प्री नोटिफिकेशन किया गया था। अगस्त, 2018 में फाइनल नोटिफिकेशन के बाद दोनों असंरिक्षत से संरक्षित स्मारक बन गए। अब उनके संरक्षण की जिम्मेदारी एएसआइ की है, जबकि उससे पूर्व किसी का उत्तरदायित्व तय नहीं था।

उप्र पर्यटन के हेरिटेज वॉक में शामिल

हवेली आगा खां और हाथीखाना उप्र पर्यटन द्वारा बनाए गए हेरिटेज वॉक में शामिल हैं। वॉक में संदली मस्जिद, बान वालों की बगीची, दरगाह अहमद बुखारी, हाथीखाना, हवेली आगा खां और हवेली खान-ए-दुर्रां शामिल हैं। इन स्मारकों को देखने के लिए नाममात्र को ही पर्यटक जाते हैं।

ताज के संग जुड़ेंगे नए रंग

एएसआइ द्वारा हाथीखाना और हवेली खां का संरक्षण किए जाने से ताजमहल के संग पर्यटकों के लिए नया आकर्षण बनेगा। हवेली आगा खां के बुर्ज से ताजमहल का मोहक नजारा दिखता है। यहां फोटोग्राफी के शौकीन पहुंचते हैं। एएसआइ पहले ही ताज और आगरा किला के बीच स्थित हेरिटेज कॉरीडोर की जगह पर गार्डन बना रहा है।

हवेली आगा खां

आगा खां मुमताज महल की खिदमत में लगे किन्नर थे। वर्ष 1652 तक वो आगरा में फौजदार रहे। ताजमहल के मुतवल्ली भी रहे। सामूगढ़ में उन्होंने शहंशाह शाहजहां के लिए 1652 में शिकारगाह भी बनवाई थी। जयपुर म्यूजियम में रखे आगरा के पुराने नक्शे के अनुसार हवेली आगा खां ताजमहल और हवेली खान-ए-दुर्रां के बीच थी।

हाथीखाना

हवेली आगा खां के नजदीक ही यह विशाल दरवाजा स्थित है। स्थापत्य कला से यह मुगल शहंशाह जहांगीर के समय का प्रतीत होता है। यहां हाथियों को रखा जाता था। यहां से ताजमहल के निर्माण के दौरान हाथियों द्वारा पत्थरों को ढोया जाता था।

 

क्‍या कहते हैं अधिकारी

दोनों स्मारकों के समीप मलबा आदि हटवाकर उनका संरक्षण किया जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इससे उन्हें भविष्य की पीढिय़ों के लिए संरक्षित रखा जा सकेगा।

वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद

हेरिटेज वॉक में शामिल स्मारकों से संबंधित साइनेज ताज के पास और स्मारकों पर लगवाए गए हैं, जिससे पर्यटकों को उनके बारे में जानकारी मिल सके। किसी पर्यटक ने इनके बारे में विभाग में सीधे संपर्क नहीं किया है।

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