छत्तीसगढ़ के जेलों में आदिवासियों की मौत, संसद में उठा मुद्दा

सांसद संतोष पांडेय ने बुधवार को लोकसभा सदन में छत्तीसगढ़ में पुलिस हिरासत के दौरान और जेल में हो रही कैदियों की मौत व आत्महत्या का मामला उठाया। उन्होंने सभी हादसों की जांच के लिए एक विशेष कमेटी बनाने की बात कही। संतोष पांडेय ने कहा कि राजनांदगांव लोकसभा अंतर्गत चिल्फी जो एक वनांचल क्षेत्र है और वहां संरक्षित जाति के आदिवासी निवास करते हैं।

कुछ दिनों पूर्व संरक्षित आदिवासी समाज के चिल्फी निवासी हरिश्चंद्र मरावी की आबकारी नियंत्रण कक्ष में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। जिसकी विशेष जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चंदोरा थाना, सूरजपुर में, पुलिस प्रताड़ना से थाना मरवाही में, जिला गरियाबंद के थाना पांडुका में और मुंगेली क्षेत्र के उपजेल में संतुराम धृतलहरे की हत्या का मामला सदन में उठाते हुए कमेटी गठित कर उसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि आए दिन प्रदेश में इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रहीं हैं जो निंदनीय है। पुलिस जनता हो या कैदी उनकी सुरक्षा के लिए है, लेकिन निरंतर हो रही इस प्रकार की घटनाएं संदेहास्पद हैं। उन्होंने सदन में मामले का प्राथमिकता से संज्ञान लेते हुए इस पर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।

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