यूपी में दलित-पिछड़ा गठजोड से संघ हुआ चिंतित, भाजपा को दी ये बड़ी नसीहत

2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारत बंद के नाम पर दलित समाज का एकजुट होना. सपा-बसपा का एक साथ 14 अप्रैल को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जयंती को बड़े स्तर पर मनाने के ऐलान ने बीजेपी और संघ के माथे पर पसीने ला दिए हैं. इसी के चलते संघ ने आगरा में बृज प्रांत समन्वय समिति की बैठक में बीजेपी से आग्रह किया कि दलित और पिछड़े वर्ग को जोड़ना होगा. 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ संघ और बीजेपी ने मिलकर जमीन तैयार करने की रणनीति बनाई है.

अगले हफ्ते शाह का लखनऊ दौरा

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 10 अप्रैल को लखनऊ आ रहे हैं. गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव के बाद शाह पहली बार यूपी आ रहे हैं. शाह पार्टी के प्रदेश नेताओं के साथ बैठक करके उपचुनाव हार की समीक्षा और 2019 की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा योगी सरकार के कैबिनेट में फेरबदल की भी संभावना है. माना जा रहा है कि दलित और पिछड़े समाज के कुछ मंत्रियों का कद बढ़ाया जा सकता है.  

उत्तर प्रदेश में दलित और पिछड़ों का बड़ा वोट बैंक है. ये दोनों समाज सूबे में किंगमेकर माने जाते हैं. बीजेपी ने इन्हीं मतों के सहारे 2014 और 2017 में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. इसी वोटबैंक पर सपा-बसपा अपना दावा कर रही हैं. इसी के चलते दोनों दलों के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की बुनियाद पड़ती हुई नजर आ रही है. दोनों पार्टियों के समर्थक दलित ओबीसी समुदाय के हैं. इसी के चलते सूबे में दलित और पिछड़े वर्ग के बीच गहरी पैठ बनाने के लिए संघ और बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस लिया है.

बीजेपी का गेम प्लान

 2019 की सियासी जमीन तैयार करने के लिए बीजेपी ने मोदी सरकार की योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने की रणनीति बनाई है.  प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, उज्जवला और सुविधा योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं में दलित और पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. गैर यादव ओबीसी औैर गैर जाटव दलितों पर विशेष तवज्जो देने का है.

बीजेपी नेता आगरा में दिन-भर की बैठक को नियमित रूप से होने वाली बैठक बता रहे हैं. लेकिन इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) शिव प्रकाश जैसे कुछ उच्च प्रोफ़ाइल वाले नेता भी उपस्थित थे. शुक्ल संघ के प्रतिनिधि के तौर पर थे.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे, प्रदेश में पार्टी के मुख्य रणनीतिकार सुनील बंसल और दो केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और कृष्ण राज ने बैठक में भाग लिया था. इसके अलावा राष्ट्रीय एससी/एसटी आयोग के प्रमुख, आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया,  यूपी के वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना और श्रीकांत शर्मा शामिल हुए थे.

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