सहपाठी की हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, प्रेमिका को लेकर हुआ था विवाद

 मैसाचुसेट्स के एक किशोर मैथ्यू बोर्गेस को करीब तीन साल पहले उसके सहपाठी ली पॉलिनो की हत्या का दोषी पाया गया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. बोर्गेस तब महज 15 साल का था जब उसने पॉलिनो का सिर काट कर धड़ से अलग कर दिया था. न्यायाधीश हेलेन कजानजियान ने मंगलवार को लॉरेंस के 18 वर्षीय मैथ्यू बोर्गेस को आजीवन कारावास की दो सजाएं सुनाईं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कजानजियान ने कहा, “ऐसी कोई सजा नहीं है जिससे मैं ली पॉलिनो को वापस ला सकूं, या फिर यह उन सवालों के जवाब दे कि यह कैसे हुआ कि एक 15 वर्षीय लड़का इस तरह से एक दोस्त को कैसे मार सकता है.”

आरोपी बोर्गेस को जब हथकड़ी बांधकर अदालत में लाया गया तो उसके चेहरे पर कोई स्पष्ट भाव नहीं दिखे.बोर्गेस जोकि हत्या के समय महज 15 साल का था, उसे लगातार दो आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी. वह 30 साल बाद ही पैरोल पर जेल से बाहर आ पाएगा. पॉलिनो के कई दोस्त और परिवार मंगलवार को अदालत में मौजूद थे, जिन्होंने काली टी-शर्ट पहनी हुई थी, जो पॉलिनो के चेहरे की छवि को प्रदर्शित कर रहे थे.

बोर्गेस के वकील एडवर्ड हेडन ने यह तर्क देते हुए कि हत्या के समय बोर्गेस एक बच्चा था और उसके पुनर्वास की संभावना है, इसलिए उसे 25 साल बाद पैरोल की संभावना मिलनी चाहिए. हेडन ने कहा, “वह अपना जीवन बदल सकता है.”

पॉलिनो की मां मैनुएल विलोरिया मंगलवार को मैथ्यू बोर्गेस की सजा सुनाए जाने के दौरान जज को संबोधित करते हुए रो पड़ीं. मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि बोर्गेस को जलन हुई, क्योंकि पॉलिनो ने उसकी प्रेमिका के साथ समय बिताया था. अभियोजकों ने कहा कि बोर्गेस ने पॉलिनो को घर से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया और फिर अन्य किशोर उसे लेकर गए जिन्होंने उसे लूटा और फिर बोर्गेस ने उसकी हत्या कर दी.मेडिकल परीक्षकों ने पॉलिनो के शरीर पर 76 घाव पाए थे.

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