परमाणु समझौते को लेकर जापान ने ईरान को समझाया, कहा- कोई गलत कदम मत उठाना

 ईरान के यह कहने के बाद कि उसने 2015 परमाणु समझौते में निर्धारित सीमा से ज्यादा यूरेनियन का संवर्धन करना शुरू कर दिया है, जापान ने सोमवार को ईरान से 2015 के परमाणु समझौते के तहत प्रमुख देशों के साथ अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने और ऐसा कोई कदम नहीं उठाने का आग्रह किया है, जिससे समझौते को नुकसान हो. रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उप मुख्य कैबिनेट सचिव यसुतोशी निशिमुरा ने कहा, “हम ईरान की घोषणा को लेकर काफी चिंतित हैं.” उन्होंने कहा, “हम दृढ़ता से ईरान से परमाणु समझौते का पालन करने, तुरंत अपनी प्रतिबद्धताओं पर लौटने और ऐसा कोई कदम उठाने से बचने का आग्रह करते हैं जिससे समझौते को कोई नुकसान पहुंचे.”

समाचार पत्र द जापान टाइम्स के मुताबिक, जापान ने मध्य पूर्व में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए परमाणु समझौते का समर्थन किया है. जापान का ईरान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध है. निशिमुरा ने कहा, “जापान अन्य देशों के सहयोग से मध्य पूर्व में तनाव को कम करने और स्थिति को स्थिर करने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा.

हमारा मानना है कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए.” ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को कहा कि देश ने ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के साथ 2015 के समझौते के तहत सहमत हुए 3.67 प्रतिशत से अधिक यूरेनियम का संवर्धन शुरू कर दिया है. अमेरिका ने पिछले साल इस परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.

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