भारतीय तेज गेंदबाज मो. शमी का वर्ल्ड कप में नया अवतार

मो. शमी की जिंदगी में पिछला एक वर्ष किसी बुरे सपने से कम नहीं था। पत्नी संग घरेलू विवाद जग जाहिर हुआ। बीसीसीआई ने भी केंद्रीय अनुबंध से शमी को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कोर्ट के चक्कर और चोट तक का सामना करना प़़डा। यह सब मुश्किलें किसी भी इंसान को अंदर से तोड़कर रख देतीं। चोट की वजह से उनका लगातार वजन ब़़ढता जा रहा था। शमी ने फिटनेस पर ध्यान लगाना शुरू किया तो लोगों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया। जिस इंसान को बिरयानी बहुत पसंद थी, उसकी जिंदगी का नया मंत्र फिटनेस था। इसी ने पिछले वर्ष इस भारतीय तेज गेंदबाज को टेस्ट मैचों में बेहतरीन स्पैल डालने में मदद की। अफगानिस्तान के खिलाफ चुनौतीपूर्ण मैच में शमी के पास आखिरी ओवर था। शमी ने हैट्रिक लेकर भारतीय टीम को रोमांचक जीत दिलाई और चेतन शर्मा के बाद विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने।

शमी कहते भी हैं कि पिछले दो वर्ष का सफर मेरे लिए बहुत लंबा रहा। चोट के बाद मेरा वजन ब़़ढ गया था और मुझे यह महसूस भी हो रहा था। एक स्पैल के बाद मैं थका हुआ महसूस करता था और मेरे शरीर में कसावट हो जाती थी। मेरी सर्जरी भी हुई थी। उस समय मेरे दिमाग में चलता था कि अगर मुझे क्रिकेट खेलना जारी रखना है तो मुझे कुछ अधिक प्रयास करने होंगे। टीम इंडिया के ट्रेनर शंकर बासु ने भी हाल में कहा था कि शमी के लिए फिटनेस कितनी अहम हो गई है।उम्र के उस प़़डाव पर भी जब खिलाड़ियों को इस बदलाव पर विश्वास नहीं होता। शमी ने कहा कि लोग मुझ पर हंसते थे जब मैं डाइट पर निरंतर फोकस करता था। दरअसल, मैं कोई कड़ी डाइट पर कभी फोकस नहीं करता था, लेकिन यदि डॉक्टर मुझे डाइट पर कायम रहने का निर्देश देते तो भी मुझे यह करना होता। मैंने इसको जारी रखने का प्रयास किया। यह मेरे फायदे के लिए है कि मैं कोई मीठा या गेंहू के प्रोडक्ट (ब्रेड) नहीं खाता हूं।

माही भाई ने कहा, यॉर्कर डालो : शमी हैट्रिक लेने में शमी की पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने काफी मदद की थी। शमी ने बताया कि हैट्रिक गेंद यॉर्कर डालने के लिए उन्हें माही भाई ने ही बोला था। शमी ने कहा कि रणनीति साफ थी। माही भाई ने कहा था कि आपको कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं है। आपके पास हैट्रिक लेने का बहुत ब[]e मौका है। यह मौके बहुत कम आते हैं और आपको यॉर्कर करने की जरूरत है। तो मैंने वही किया जो माही भाई ने बोला। अंतिम-11 में जगह बनाना नसीब था। मैं इसके लिए तैयार था। मैंने सोचा था कि मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं इसका अच्छे से इस्तेमाल करूंगा। जहां तक हैट्रिक की बात है तो यह विश्व कप में बहुत कम देखने को मिली है और मैं हैट्रिक लेकर खुश हूं।

बुमराह ने दिया था पूरा मौका: शमी ने मैच के बाद साथी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के साथ चर्चा के दौरान कहा कि आपने (बुमराह) मेरे लिए इतने रन छोड़ दिए थे कि मैं आसानी से अपनी योजना पर काम कर सकता था। अंतिम 12 गेंदों पर 21 रन चाहिए थे और मुझे पूरा यकीन था कि बुमराह मेरे लिए काफी रन छोड़ेंगे। मुझे आपके साथ गेंदबाजी करके वाकई मजा आया। दरअसल, अफगानिस्तान को आखिरी 12 गेंद में 21 रनों की दरकार थी। बुमराह ने 49वें ओवर में मात्र पांच रन दिए। ऐसे में अफगानिस्तान को आखिरी ओवर में 16 रन बनाने थे और गेंद शमी के हाथों में थी। शमी की पहली ही गेंद पर मो. नबी ने चौका जड़कर अपने इरादे जता दिए थे। इससे अगली गेंद शमी खाली निकालने में सफल रहे। शमी की तीसरी गेंद पर नबी आउट हुए और इसके बाद वह हैट्रिक लेने में सफल रहे थे।

यादगार रहा था 2015 विश्व कप: इस विश्व कप में शमी बेशक तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका में हैं और बुमराह व भुवनेश्वर कुमार को उनसे ऊपर तरजीह दी जा रही है, लेकिन 2015 विश्व कप में शमी भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज थे। शमी इस विश्व कप में सभी मैचों में खेले और उनके बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम सेमीफाइनल के अलावा सभी मैचों में विरोधी टीम को ऑलआउट करने में सफल रही थी। इतना ही नहीं, शमी ने इस विश्व कप में जिस भी मैचों में विकेट लिया, भारतीय टीम उसे जीती थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शमी कोई विकेट नहीं निकाल पाए थे। शमी ने इस विश्व कप के सात मैचों में 17 विकेट चटकाए थे।

नंबर गेम :

-06 जनवरी 2013 को शमी ने दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था। उस मैच में उन्होंने नौ ओवर में 23 रन देकर एक विकेट लिया था। भारत वह मैच 10 रन से जीता था।

-04 मेडन ओवर फेंके थे शमी ने अपने पदार्पण वनडे में। पदार्पण वनडे में चार या ज्यादा मेडन ओवर करने वाले शमी भारत के पहले और कुल आठवें गेंदबाज बने थे।

-64 वनडे मैचों में 117 विकेट दर्ज हैं शमी के नाम। 40 टेस्ट में 144 विकेट और सात टी-20 में आठ विकेट भी ले चुके हैं शमी।

-07 बार किसी वनडे मैच में पारी में चार विकेट ले चुके हैं शमी, लेकिन अभी भी उन्हें पारी में पांच विकेट लेने का इंतजार है, जबकि उन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट में ही एक पारी में पांच विकेट झटके थे।

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