लाहौर HC ने आतंकी हाफिज के JuD को बताया परोपकारी संगठन, PAK सरकार को भेजा नोटिस

मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद के पक्ष में लाहौर हाईकोर्ट (LHC) ने पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने आतंकी हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा (JuD) की गतिविधियों को परोपकारी बताते हुए इनमें बाधा पहुंचाने को लेकर सरकारों को नोटिस जारी किया है.

LHC के न्यायाधीश अमीनुद्दीन खान ने सईद की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एके डोगर ने हाफिज की तरफ से तर्क दिया कि JuD ने हमेशा परोपकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है लेकिन सरकारें अमेरिका और भारत के दबाव में आकर उनके कामों में बाधा डाल रही हैं.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था के कल्याणकारी कार्य को रोकना संविधान के खिलाफ है. साथ ही उसने कोर्ट से अपील की कि वो सरकार को इस बात के लिए निर्देश दे कि वो JuD संगठन को परेशान न करे और उसे परोपकारी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे. इसके बाद सरकार के वकील ने कोर्ट से जवाब देने के लिए कुछ और समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने उसके अनुरोध को मान लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल का दिन तय किया.

एक जनवरी को पाकिस्तान के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन ने JuD समेत कई संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और इन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया था. साथ ही इन्हें विदेशी फंड लेने पर बैन लगा दिया था.

दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक से पाकिस्तान ने बैन लगाया था. पाक को डर था कि कहीं उसे भी FATF द्वारा आतंकी पूंजी निगरानी सूची में न डाल दिया जाए. हालांकि, आतंकी संगठनों पर बैन लगाने के बावजूद विदेश कार्यालय ने फरवरी में इस बात की पुष्टि की थी कि पाकिस्तान को अभी भी FATF की निगरानी सूची में रखा जाएगा. वहीं, पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाने की संभावना से इनकार कर दिया था.

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