जब कोई नहीं आया काम, तो CRPF ने बचाई मुस्लिम महिला की जान….
जम्मू और कश्मीर की आवाम की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों पर न सिर्फ कुछ राजनैतिक दल बल्कि कश्मीर के अलगाववादी नेता भी लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि यह बात अलग है कि जम्मू और कश्मीर की घाटी से कई बार ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिससे सीआरपीएफ ने मानवीयता की अभूतपूर्व मिसालें पेश की है।
वहां आलम तो यह है कि समस्याओं से घिरा कोई व्यक्ति, जब खुद को अकेला महसूस करता है, तब उसे सहायता के लिए केवल सीआरपीएफ की ‘मददगार’ हेल्पलाइन से आसरा दिखाई देता है। बीते दिनों, ऐसे ही एक मामले में सीआरपीएफ ने तस्लीमा बेगम नामक महिला की उस समय सहायता कर जान बचाई, जब उसके अपनों ने उसका साथ पूरी तरह से छोड़ दिया था। CRPF के आला अधिकारी के मुताबिक, तस्लीमा बेगम (परिवर्तित नाम) अपने परिवार के साथ श्रीनगर के डाउन टाउन क्षेत्र में रहती है। उसके परिवार में पति मोहम्मद फैजल (परिवर्तित नाम) और दो संतानें हैं।