रेल लाइन से कब जुड़ेगी विश्व प्रसिद्ध किछौछा दरगाह

मानवीय संवेदना के सजग प्रहरी प्रख्यात सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ जहाँगीर सिमनानी की किछौछा स्थित दरगाह की ख्याति बेशक देश-विदेश तक है परन्तु जायरीनों के लिए तमाम मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। यहां बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष जायरीन आते हैं। उर्स पर लगने वाले मेले में यहां की आभा देखते ही बनती है। यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग ही एक मात्र सहारा है। रेल की सुविधा जिला मुख्यालय तक ही है। वर्ष भर यहां जायरीनों का आवागमन जारी रहता है।यहां आने वाले लोग यातायात की दुश्वारियों से जूझते रहते हैं।इसके मद्देनजर समय-समय पर इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को रेलमार्ग से जोड़ने की मांग नक्कारखाने में तूती की तरह दबती रही है। व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी यहां की समीपवर्ती बसखारी बाजार महत्वपूर्ण है। हर चुनाव में वादे होते हैं कि किछौछा शरीफ को रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। अकबरपुर से किछौछा होते हुए रेल लाइन आजमगढ़ या फिर गोरखपुर को जोड़ेगी लेकिन हुआ कुछ नही। स्थानीय नागरिक बताते हैं कि एक बार सर्वे भी हुआ, लेकिन लोगों की उम्मीद परवान नहीं चढ़ सकी। हर चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद इस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता।

 

 

बताते हैं कि विश्व प्रसिद्ध सूफी संत की दरगाह को रेलवे लाइन से जोड़ने के मांग स्थानीय निवासी तथा जायरीन बराबर करते आ रहे हैं, लेकिन उम्मीदों की पटरियों पर रेलगाड़ी बस चुनावी वादों में ही गुजर जा रही है। यहां के लोग रेलवे लाइन बिछने की बाट जोहते रहते हैं। लोकसभा चुनाव का महासमर फिर शुरू होने के साथ ही किछौछा नगर पंचायत के अंतर्गत बसखारी के निवासियों को एक बार फिर उम्मीदों का पंख लगा है। उनको भरोसा है कि शायद उनकी वर्षों पुराने सपनों को हकीकत में बदलने वाला कोई मिल जाए और रेलवे लाइन बिछने की उम्मीद जमीनी हकीकत में बदल जाए।

उल्लेखनीय है कि केंद्र में यूपीए की सरकार रहते वर्ष 2009-10 में जब रेलवे लाइन के लिए सर्वे शुरू हुआ तो यहां के लोगों को लगा कि रेलवे लाइन के लिए किछौछा बाजार के दक्षिणी छोर से जौतिया के पास से होती हुई लाइन बिछाया जाना है। सर्वे की गतिशीलता से यह भी लगा कि कार्य पूरा हुआ तो रेल सुविधा जल्द ही मिल जाएगी, लेकिन समय बीतता गया और सब कुछ ठण्डे बस्ते में चला गया। सपना कभी अपना नहीं होता और वादे हैं परंतु इरादे नहीं यह कहावत चरितार्थ करते हुए दरगाह किछौछा को रेलवे लाइन से नहीं जोड़ा जा सका।सर्वे की रिपोर्ट रेल महकमे में कहां धूल फांक रही है। इसे भी सही ढंग से बताने वाला कोई नहीं है। यद्यपि पूर्वांचल से रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने एक बार मंच से कहा था की सभी तीर्थ स्थलों को रेलवे से जोड़ा जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के चेयरमैन प्रतिनिधि सैय्यद गौश अशरफ का कहना है कि यदि किछौछा दरगाह को पर्यटन क्षेत्र का दर्जा दिलाते हुए रेलवे लाइन से जोड़ दिया जाए तो यहां आने वाले जायरीन के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी। इस पहल से किछौछा दरगाह शरीफ की तस्वीर भी बदल जाएगी। उधर दूसरी ओर बसखारी बाजार वाणिज्यिक तथा स्थानीय बाजार होने से अंबेडकरनगर का सबसे धनी क्षेत्र है। इसलिए यहां के नागरिकों की सुविधाओं को देखते हुए रेलवे जोड़ा जाना जरूरी है। भिदूण के ग्राम प्रधान तथा सपा नेता अंगद निषाद का कहना है कि किछौछा धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए यहां पर अच्छी सुविधा के लिए यातायात का साधन अत्याधुनिक होना चाहिए। इसमें रेलवे लाइन जरूरी विकल्पों में से एक है। यह काम होने से क्षेत्र का विकास हो जाएगा तथा 40 किलोमीटर दूर रेल यात्रा करने के लिए अकबरपुर तक नहीं जाना पड़ेगा। बसपा नेता अजीज शाह बताते हैं कि देश-विदेश से गरीब जायरीन दरगाह पर आते हैं यदि रेलवे लाइन से किछौछा को जोड़ दिया जाए तो इससे पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। दूसरी तरफ युवा भाजपा नेता ओमकार गुप्ता का कहना है कि यदि किछौछा तथा अन्य क्षेत्रो में रेलवे लाइन बिछाई जाती है तो यहां के छोटे व्यापारियों के साथ अन्य व्यवसाय भी प्रगति करेगा और लोगों को अच्छा व्यवसाय मिलेगा। काफी जद्दोजहद के बाद क्षेत्रीय लोग उत्सुकता भरी आंखों में देखे गये इस सपने को हकीकत में बदलने की इच्छा रखते हैं।

E-Paper