उत्तराखंड के हरिद्वार में श्यामपुर क्षेत्र के गांव ढालूपुरी में हुए धमाके में एक महिला की जान चली गई जबकि उसकी सास घायल हो गई। परिजनों का कहना है कि पेड़ पर बैठे कौआ ने कोई ऐसी वस्तु गिराई थी जिसे महिला ने हाथ में उठाया तो फट गया। पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में मौके से कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। फोरेंसिक टीम को साक्ष्य एकत्र करने के लिए घटनास्थल पर बुलाया गया है। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी ली।
घटना शाम करीब चार से साढ़े चार बजे के बीच बताई जा रही है। पुलिस की मानें तो गांव में रहने वाली यशोदा (35) पत्नी जीतराम, उसकी सास छोटे देवी (65) पत्नी सुरजा सिंह झोपड़ी के बाहर पेड़ के नीचे बैठे थे और कुछ दूरी पर यशोदा के बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान पेड़ पर बैठे एक कौए के मुंह में फंसी कुछ चीज नीचे गिरी। उसके नीचे गिरते ही यशोदा ने उसे जैसे उठाया तो वह तेज धमाके के साथ फट पड़ा। तेज धमाका होने पर गांव वाले भी तुरंत मौके की तरफ दौड़े।
इधर बच्चें भी झोपड़ी में घुस गए। ग्रामीण जब तक बुरी तरह घायल यशोदा को इलाज के लिए भेजते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घायल सास को जिला अस्पताल भेजा गया। सूचना मिलने पर एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी अभय सिंह, कार्यवाहक एसओ मनीष नेगी मौके पर पहुंचे। कार्यवाहक एसओ की मानें तो घटनास्थल पर भूमि का कुछ हिस्सा धसा हुआ है, संभवत उस हिस्से पर विस्फोटक फटा होगा।
बताया कि कौव्वे के की चोंच में फंसी कुछ चीज नीचे गिरी थी, यह बात बच्चों ने बताई। उन्होंने बताया कि मौके पर कुछ भी ऐसा नहीं मिला, जिससे यह पता चल सके कि धमका किससे हुआ। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम, बम निरोधक दस्ते को मौके पर साक्ष्य एकत्र करने के लिए बुलाया गया है। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि धमाके की आवाज ऐसी थी कि जैसे किसी वाहन का टायर फटा हो। विस्फोटक आखिर क्या था।
यह अपने आप में बड़ा सवाल बनकर आ खड़ा हुआ है। यदि बच्चों की कहानी को सच भी माने लें तो आखिर ऐसा विस्फोटक किस रूप में था जिसे एक कौव्वा अपनी चोंच में दबाकर उड़ान भरने में कामयाब रहा। तरह तरह की आशंकाओं को लेकर पुलिस दिमाग दौड़ा रही है। जब वह नीचे गिरा तो फटा नहीं फिर महिला के हाथ में लेते ही कैसे फट गया। फोरेंसिक टीम की जांच से घटना से पर्दा उठ सकता है।