पायल, बिछिया और चूड़ी पहनने के स्वास्थवर्धक फायदे जान हैरान रह जाएंगे आप

भारतीय महिला की सबसे ख़ास बात उसके परिधान और शरीर पर सजे आभूषण होते हैं. किसी भी भारतीय महिला के लिए चूड़ी, पायल और बिछिया सबसे अधिक महत्वपूर्ण गहने होते हैं. खासकर कि शादीशुदा महिलाएं ये तीनो चीजें जरूर धारण करती हैं. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा हैं कि भारतीय महिलाओं में चूड़ी, बिछिया, पायल इत्यादि चीजें पहनने का चलन कैसे और क्यों शुरू हुआ? हम सभी अब तक इसे रीती रिवाज और संस्कृति के नाम पर पहनते आए हैं. सुहागन महिलाए इसे सुहाग की निशानी भी मानती हैं.

आखिर क्यों बनाए गए गहने?
आपको जान हैरानी होगी कि आध्यात्मिक फायदों के अलावा बिछिया, चूड़ी और पायल पहनने के हेल्थ सम्बंधित फायदे भी हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं महिलओं का शरीर पुरुष की तुलना में ज्यादा कोमल और संवेदनशील होता हैं. ऐसे में महिलाओं के शारीर में हार्मोंस का उतार चढ़ाव भी काफी ज्यादा होता हैं. यहाँ तक कि घर परिवार की जिम्मेदारियां भी महिलाओं के ऊपर अधिक होती हैं. ऐसे में वो इस जिम्मेदारी को निभाने में अपना तन मन दोनों ही लगा देती हैं.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे प्राचीन ऋषियों और वैज्ञानिको ने कुछ ऐसे उपकरण तैयार किए जिससे महिलाओं के मन और तन (स्वास्थ) की रक्षा हो सके. इन उपकरणों को चूड़ी, बिछिया और पायल के रूप में बनाया गया और रीती रिवाजे के आधार पर सभी महिलाओं के लिए पहनना आवश्यक कर दिया गया. इसके बढ़ते चलन से बाद में ये चीजें गहनों के नाम से मशहूर होने लगी और कई महिलाएं इन्हें इसी रूप में पहनने लगी.

सोना चांदी पहनने के लाभ

ऐसा कहा जाता हैं कि महिलाओं को कमर के उपरी हिस्से में सोना और कमर के नीचले हिस्से में चांदी पहनना चाहिए. सोना पहनने से शरीर में गर्मी आती हैं जबकि चांदी पहनने से शरीर में ठंडक पैदा होती हैं. इस तरह ये सोना चांदी शरीर में गर्मी और ठंडक का बैलेंस बनाए रखते हैं.

चूड़ी पहनने के फायदें

जब कलाई में पहनी गई चूड़ी हाथो से टकराती हैं तो घर्षण होता हैं. ये घर्षण हाथों के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता हैं. साथ ही इससे जो उर्जा पैदा होती हैं वो महिलाओं को जल्दी थकने नहीं देती हैं.
चूड़ी पहनने से मानसिक संतुलन सही बना रहता हैं. इस तरह महिला सभी कामो में बराबरी से ध्यान दे पाती हैं.
जो महिलाए कलाई में आभूषण धारण करती हैं उन्हें श्वास और ह्रदय रोग होने के चांस बहुत कम हो जाते हैं.
बिछिया पहनने के फायदें

बिछियां को ज्यादातर पैरों के बीच की तीन उँगलियों में पहना जाता हैं. इसे दोनों पैरो में पहनने से स्त्रियों का हार्मोनल सिस्टम सटीक ढंग से काम करता हैं.
बिछिया एक्यूप्रेशर की तरह भी कार्य करती हैं. इसे पहनने से शरीर के निचले हिस्सों की तंत्रिका और मांसपेशियां स्टेबल रहती हैं.
बिछिया पहनने से महिलाओं की गर्भ धारण करने की क्षमता बढ़ती हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि बिछिया पहनने से एक ख़ास नस पर प्रेशर बढ़ता हैं जिससे गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन अधिक होता हैं और गर्भाधारण क्षमता बढ़ जाती हैं.
पायल पहनने के फायदें

पायल पहनने से स्त्रियों के पेट और नीचले हिस्से में चर्बी बढ़ने से रूकती हैं.
चांदी की पायल का जब पैरो से घर्षण होता हैं तो इससे हड्डियाँ मजबूत बनती हैं.
पायल आपके पैर से निकली फिजिकल इलेक्ट्रिक एनर्जी को शरीर में ही संरक्षित रखती हैं.

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