पढ़िए और लीजिए सबक, कभी दोस्तों ने उड़ाया था मजाक, आज उसी काम से बन गया लखपति

सफलता उसी के कदम चूमती है जिसमें कुछ करने का जज्बा हो और वह अपनी हर असफलता से सबक लेकर आगे बढे़। अधिकतर ऐसा होता है कि हर बड़ी सफलता की शुरुआत असफलता से होती है, लेकिन हौसले रखते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले अपने मुकाम तक पहुंच कर ही रहते हैं।

ऐसी ही कहानी है दून में देहरादून बाइक रेंटल शॉप चलाने वाले नवीन कुमार खोखर की। जिन्होंने कई बार असफलताओं का सामना कर मुकाम हासिल किया। जो शुरुआती दिनों में उनका मजाक उड़ाते थे, आज वह उसकी मेहनत और लगन की कद्र करते हैं। 10 हजार रुपये से उन्होंने रेंटल बाइक व्यवसाय शुरू किया था। आज वह उसके जरिये करीब डेढ़ लाख रुपये महीना कमा रहे हैं।

एक नामी कंपनी में करीब साढ़े चार लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला

हरियाणा के गोहाना निवासी नवीन कुमार खोखर ने वर्ष 2007 में ग्राफिक एरा में बीएससी आईटी में दाखिला लिया था। संगीत का शौक था तो पल्स नाम का बैंड भी बनाया। जिसने कॉलेज में काफी पुरस्कार भी जीते। 2010 में एमबीए की पढ़ाई शुरू की। इस दौरान एक नामी कंपनी में करीब साढ़े चार लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला।

अपना काम करने की ललक होने से कुछ ही महीने में नौकरी छोड़ दी। 31 दिसंबर 2012 को अपने दोस्तों के साथ क्लेमेंटटाउन में कैफे खोला। जिसमें लगातार नुकसान हो रहा था। इस दौरान छोटे भाई की तबीयत काफी खराब हो गई, जिसके चलते उन्हें घर जाना पड़ा। इधर, कैफे भी बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद उन्होंने एक दोस्त के साथ राजपुर रोड पर कैफे शुरू किया, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और दोबारा भारी नुकसान के चलते उन्हें फिर अपना काम बंद करना पड़ा।

पहले महीने में 3500 रुपये की आमदनी हुई

उन्होंने नौ अप्रैल 2014 को क्लेमेंटटाउन में देहरादून बाइक रेंटल नाम से शॉप खोली। पहले महीने में 3500 रुपये की आमदनी हुई। इसी दौरान उनके पिता सुंदर सिंह खोखर की भी बीमार हो गए। तीन फरवरी को उनका निधन हो गया। वह संघर्ष करते रहे। उनके पास पहले एक बाइक थी। दोस्तों से उधार लेकर कुछ दिन चली हुई एक बाइक और खरीदी। उसके बाद वे आगे बढ़ते रहे और आज उनके पास 50 बाइक हैं।

अब उनके यहां 12 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। वह खुद भी बाइक रिपेयर करते हैं। वह बताते हैं कि मौजूदा समय में बाइक रेंटल के जरिये हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये कमाई हो जाती है। नवीन बताते हैं कि जल्द ही वह देहरादून बाइक रेंटल शॉप को और आधुनिक बनाएंगे। जिसमें स्पेयर पार्ट व्यवसाय को भी जोड़ेंगे। होटल और ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिये पर्यटकों और स्थानीय ग्राहकों को सभी चीजें एक ही जगह पर उपलब्ध कराएंगे।

यहां के ग्राहक लेते हैं बाइकें

स्थानीय लोगों के साथ ही जर्मनी, आस्ट्रिया, यूएसए, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि से उत्तराखंड आने वाले पर्यटक नवीन से बाइक रेंट पर लेते हैं। वह उनकी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.देहरादूनबाइकरेंटल.कॉम के जरिये उनसे संपर्क करते हैं।

ये है किराया 
स्कूटी : 600 रुपये प्रतिदिन
साधारण बाइक : 700-900 रुपये रोजाना
बुलेट : 1200
500 सीसी बुलेट : 1600
(साथ में दो हेलमेट, पंचर किट, एल्बो गार्ड, मोबाइल होल्डर आदि)

जानिये कैसे करें रेंटल बाइक व्यवसाय की शुरुआत 
रेंटल बाइक व्यवसाय शुरू करने से पहले परिवहन आयुक्त के यहां आवेदन करना होता है। जिसमें आईटीआर, चरित्र प्रमाणपत्र आदि के साथ ही जगह, रिसेप्शन, टॉयलेट, पार्किंग, लैंडलाइन फोन आदि की भी जानकारी देनी होती है। जिसके बाद अनुमति मिलने के बाद रेंटल बाइक का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है। इसके लिए कम से कम पांच बाइकें होना अनिवार्य हैं।

E-Paper