साेनिया व राहुल गांधी पर हमला करने वाले जगमीत बराड़ 19 को शिअद में हो सकते हैं शामिल

कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ एक बार फिर पार्टी बदलने की तैयारी में हैं। कभी कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से गिने जाने वाले 19 अप्रैल को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में शामिल हो सकते हैं। बताया जाता है कि शिअद में शामिल होने से पहले वह अपने समर्थकों के साथ मुक्‍तसर और उसके आसपास के इलाकों में बैठकें कर रहे हैं। दूसरी ओर, शिअद के मुख्‍य प्रवक्‍ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इससे अनभिज्ञता जाहिर की है। जगमीत बराड़ कांग्रेस नेतृत्‍व, सोनिया गांधी ओर राहुल गांधी सहित कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते रहे हैं। इस कारण उनको कांग्रेस से निकाले जा चुके हैं।

शिरोमणि अकाली दल के उप प्रधान और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इस तरह के किसी कदम या गतिविधि के बारे में उन्‍हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जगमीत बराड़ हर बेहतर बता सकते हैं। दूसरी ओर जगमीत बराड़ से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनके मीटिंग में व्यस्त होने के कारण बात नहीं हो सकी। हालांकि उनके एक निकटवर्ती का कहना है कि इस तरह की संभावना जरूर है लेकिन इसका अंतिम फैसला वीरवार शाम तक होगा।

 बादल परिवार करते रहे हैं तीखे हमले, बरगाड़ी व बहबल कलां कांड पर भी खोला था मोर्चा

काबिले गौर है कि जगमीत बराड़ शिरोमणि अकाली दल के साथ-साथ बादल परिवार के कटु आलोचक रहे हैं। वह सुखबीर बादल के खिलाफ तीन बार संसदीय चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें वह एक बार जीते और दो बार पराजित हुए। प्इसके अलावा वह फिरोजपुर से भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। अब उनके शिअद में शामिल होने और फिरोजपुर से पार्टी टिकट लेने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

सुखबीर सिंह बादल को लोकसभा चुनाव में हराकर आए थे चर्चाओं में

जगमीत बराड़ शिरोमणि अकाली दल में शामिल होते हैं तो पंजाब की राजनीति में किसी बड़े धमाके से कम नहीं होगा। जगमीत बराड़ पिछले लंबे समय से न केवल बादल परिवार को जी भर कर कोसते रहे हैं बल्कि बहबल कला गोलीकांड और गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी के लिए उन्हें दोषी ठहराते रहे हैं।

यही नहीं वह बहबल कला गोलीकांड के खिलाफ छह महीने तक चले सिख संगठनों के धरने में भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए। वह इसके लिए बादल परिवार के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की वकालत करते रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि वह अकाली दल में शामिल होते हैं तो इस मुद्दे पर उनका स्टैंड क्या रहेगा?

 विवादित बयानों के कारण दो बार कांग्रेस से निकाले गए बराड़

जगमीत बराड़ सोनिया गांधी ओर राहुल गांधी सहित कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते रहे हैं। इस कारण उनको कांग्रेस से निकाले जा चुके हैं। लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद 2014 के चुनाव में मिली हार को देखते हुए उन्होंने पार्टी प्रधान सोनिया गांधी और उपप्रधान राहुल गांधी पर तीखी टिप्पणी की। उन्‍होंने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर भी तीखे हमने किए। इस कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बाद में उनको पार्टी में वापस ले लिया गया था। इसके बाद भी उनके रवैये में बदलाव नहीें हुआ तो उन्‍हें फिर कांग्रेस से निकाल दिया गया।

 तृणमल कांग्रेस में शामिल हुए और इस साल जनवरी में उसे भी छोड़ दिया

उसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन इस साल जनवरी में उन्होंने उसे भी अलविदा कह दिया। 2014 के चुनाव में उन्होंने भाजपा में भी जाने के संकेत दिए थे लेकिन भाजपा ने अकाली दल के साथ गठजोड़ को देखते हुए बादल परिवार के अति आलोचक माने जाने वाले जगमीत बराड़ को पार्टी में नहीं लिया।

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