कभी खारिज कर दी गई थीं रानी, लिखा- खुद को हर रोज साबित करना पड़ा

बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी के 40वें जन्मदिन पर उनकी फिल्म हिचकी रिलीज हो रही है. चार साल बाद रानी मुखर्जी की कोई फिल्म रिलीज हो रही है. अपने जन्मदिन पर एक ओपन लेटर लिखकर उन्होंने बताया कि कैसे एक महिला होने के नाते उन्हें भेदभावपूर्ण रूढ़िवादी सोच से संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड में अन्य महिला कलाकारों को भी ऐसी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

बताते चलें कि शुरुआती करियर में उनके कद और आवाज की वजह से उन्हें खारिज कर दिया था. एक फिल्म में तो आमिर खान को उनकी आवाज पसंद नहीं आई थी. कुछ कुछ होता है के बाद आमिर ने इस बात के लिए रानी मुखर्जी से माफी भी मांगी.

महिला प्रधान फिल्में जोखिम

रानी ने कहा- एक महिला के तौर पर, मैं यह मानती हूं कि यह एक आसान सफर नहीं रहा. मुझे हर रोज खुद को साबित करना पड़ा है. बॉलीवुड में अभिनेत्रियों को खुद को हर रोज साबित करना पड़ता है. उन्होंने यह भी माना कि बॉलीवुड में एक महिला का करियर छोटी अवधि का होता है और एक शादीशुदा महिला की समानता मर जाती है. महिला प्रधान (मैं इस शब्द से नफरत करती हूं) फिल्में एक बड़ा जोखिम होती हैं.

अभिनेत्रियों को अभिनय नहीं इन चीजों से किया जाता है जज

रानी ने यह भी बताया कि कैसे अभिनेत्रियों पर हमेशा सबकी नजरें होती हैं और उनके लुक, आवाज, नृत्य कौशल को लेकर जज किया जाता है खत में उन्होंने कहा कि वह अपने जन्मदिन पर इन बड़ी हिचकियों का जिक्र करना नहीं छोड़ सकतीं, जिसका सामना उन्हें और उनकी साथी अभिनेत्रियों को करना पड़ा है. रानी ने कहा, मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं काम करना और अपनी सभी खूबसूरत, दयालु, प्रतिभाशाली साथी अभिनेत्रियों के साथ रूढ़िवादी धारणाओं के खिलाफ लड़ना जारी रखूंगी और हमारे समाज और फिल्म उद्योग को आगे परिपक्व होते देखने की उम्मीद करती हूं.

 

उन्होंने माना फिल्म उद्योग में एक महिला के लिए पुरुष के साथ असमानता बड़े पैमाने पर होता है और यह साफ़ दिखाई भी देता है. हालांकि रानी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि अब बदलाव हो रहा है. उन्होंने कहा, वह बेहतरी के लिए बदलाव होता देख सकती हैं और यह बात उन्हें खुशी से भर देती है. यह उनके सफर और करियर को सार्थक बना देती है.

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