दाऊद इब्राहिम की मौत हुई, तो कोई झांकने तक नहीं आया

वर्ष 1980 और 1990 के दशकों में भगोड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के गिरोह के लिए तस्करी और हवाला कारोबार से जुड़े काम करने वाले शकील अहमद शेख उर्फ ‘लंबू’ शकील की यहां एक अस्पताल में मौत हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि शेख दिल की बीमारी से ग्रस्त था और रविवार को देर रात उसकी दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई.

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद तथा गिरोह के अन्य सदस्य छोटा शकील का भरोसेमंद सहयोगी शेख 80 और 90 के दशकों में इस गिरोह के लिए विदेशों में तस्करी और हवाला गतिविधियों को अंजाम देता था. कहा जाता है कि लंबू वह शख्स था जो समंदर में दाऊद की हुकूमत को चलाता था. वह समंदर के जरिए होने वाले तस्करी का मुख्य आरोपी था.

अधिकारी ने बताया कि शेख ने गिरोह की सोने की तस्करी संबंधी गतिविधियों में हिस्सा लिया. वह हथियारों और विस्फोट लाने ले जाने में भी कथित तौर पर शामिल था. उन्होंने कहा कि शेख के खिलाफ 1991 में माता रमाबाई आंबेडकर मार्ग थाने में दंगे तथा हत्या के लिए अब निरस्त हो चुके कानून ‘टाडा’ के तहत मामला दर्ज हुआ था. उन्होंने बताया ‘1991 के बाद देश से भागने पर वह हवाला रैकेट चलाता था. उसे 2003 में दुबई में पकड़ा गया और प्रत्यर्पित कर यहां लाया गया था.’ 

मुंबई पुलिस की जबरन वसूली निरोधक प्रकोष्ठ के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सचिन कदम ने कहा कि 2003 में शहर में लौटने के बाद शेख को रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया. शेख अपनी पत्नी और अभिभावकों के साथ दक्षिण मुंबई के बोहरी मोहल्ला में रहता था.

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