लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का बड़ा ऐलान- सत्ता में आए तो गरीबो के बैंक खाते में देंगे 72 हजार रुपए

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) की जंग में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा ऐलान कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो गरीब परिवारों के खाते में सालाना 72 हजार रुपए भेजेगी. राहुल गांधी ने कहा कि ये पैसे न्यूनतम बुनियादी आय गारंटी योजना के तहत गरीब परिवारों के खाते में जमा किए जाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पिछले पांच साल में गरीबों को बहुत मुश्किलें सहनी पड़ी. हम उनको न्याय देना चाहते हैं. इसलिए हम उनको न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना का लाभ देना चाहते हैं. इस योजना के तहत देश में हरेक की न्यूनतम कमाई 12 हजार रुपए होगी. हम भारत के सबसे गरीब परिवारों को साल में 72 हजार रुपए उनके बैंक खातों में सीधा भेज देंगे.

राहुल ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के सबसे अमीर लोगों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो कांग्रेस देश की 20 फीसदी गरीब परिवार को 72 हजार रुपए साल का दे सकती है. पांच करोड़ परिवारों यानी 25 करोड़ लोगों को सीधा इसका फायदा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इस योजना का सीधा लाभ देश के 5 करोड़ परिवारों यानी करीब 25 करोड़ लोगों को होगा. हमने योजना से संबंधित पूरा हिसाब लगा लिया है. दुनिया के किसी भी देश में ऐसी योजना नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि न्यूनतम आमदनी की लाइन क्या होगी. मैं मानता हूं कि यह लाइन 12 हजार रुपए होगी.

गौरतलब है कि राहुल गांधी मौजूदा चुनाव अभियान में शुरू से ही यूनिवर्सल इनकम की बात कह रहे थे, लेकिन अब तक उन्होंने यह नहीं बताया था कि न्यूनतम आमदनी किन लोगों को और कितनी मिलेगी. पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद से देश में जिस तरह से राष्ट्रवाद का माहौल गरमाया है और बाकी सारे मुद्दे हाशिए पर चले गए हैं, ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि 72 हजार रुपए सालाना की घोषणा कांग्रेस की किस्मत पलट सकती है.

इससे पहले 2009 में कांग्रेस मनरेगा के जरिए इस तरह का प्रयोग कर चुकी है. देश के हर ग्रामीण परिवार को 100 दिन रोजगार की गारंटी देकर कांग्रेस ने ग्रामीण भारत में न सिर्फ अच्छी पकड़ बनाई थी, बल्कि दोबारा सत्ता में भी आ गई थी. साल 2007 में यूपीए-1 ने किसानों का करीब 70 हजार करोड़ का कर्ज भी माफ किया था.

साल 2018 के अंत में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में तीन प्रमुख राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पहले ही किसान कर्जमाफी के वादे के जरिए चुनाव जीत चुकी है.

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