बोइंग 737 मैक्स 8: एयरबस से प्रतिस्पर्धा के कारण जल्दबाजी में तैयार किये गये थे विमान

बोइंग के 737 मैक्स 8 विमान से पांच महीने से भी कम समय में दो बड़े हादसे हो गए हैं। बीते साल अक्तूबर में लायन एयर का बोइंग विमान क्रैश हुआ और इसके बाद इस साल मार्च में इथोपिया एयरलाइन का बोइंग विमान क्रैश हो गया। दोनों हादसों में कुल 346 लोगों की मौत हो गई थी।

इन दोनों हादसों में काफी समानताएं देखी गईं। दोनों ही विमान उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही मामलों में उड़ान भरने के बाद पायलट ने एयरपोर्ट पर लौटने का आग्रह किया। पायलटों ने विमान के नियंत्रण को लेकर समस्या आने की बात कही। यहां तक कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है। इन समानताओं ने एयरलाइंस और नियामकों को सतर्क कर दिया।

अब बोइंग के इस विमान को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक विदेशी अखबार के मुताबिक दो विमान निर्माता कंपनियों बोइंग और एयरबस के बीच भारी प्रतिस्पर्धा चल रही थी। बोइंग 737 मैक्स का विकास प्रतिस्पर्धा के दबाव में बेहद जल्दबाजी में किया गया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 में बोइंग के सबसे बड़े ग्राहक अमेरिकन एयरलाइंस ने उसके प्रतिद्वंद्वी एयरबस को सैकड़ों नए फ्यूल एफिशिएंट विमानों का ऑर्डर देने की तैयारी की। इससे बोइंग को बड़ा झटका लगा।

अमेरिकन एयरलाइंस के चीफ एग्जिक्युटिव गेरार्ड आर्पे ने बोइंग के वरिष्ठ अधिकारी डब्ल्यू जेम्स मैकनेर्ने से कहा कि अगर बोइंग कारोबार करना चाहता है तो उसे आक्रामक होकर आगे बढ़ना होगा। लेकिन बाद में बोइंग ने अमेरिकन एयरलाइन को मना लिया। वहीं एक नए पैसेंजर प्लेन को विकसित करने का विचार भी त्याग दिया। जिसे विकसित होने में एक दशक का समय लगता। इसके अलावा एयरलाइन ने बोइंग को 737 मैक्स को अपडेट करने को कहा। जिसके करीब छह माह बाद 737 मैक्स विमान अस्तित्व में आया।

इथोपिया हादसे के बाद दुनियाभर के देशों ने अपने यहां बोइंग की सेवाओं पर रोक लगा दी। इससे बोइंग को बड़ा झटका लगा। पहले उसका समर्थन अमेरिकी एयरलाइन कर रही थी लेकिन बाद में उसने भी अपने बोइंग विमानों को ग्राउंड कर दिया। इससे कंपनी की प्रतिष्ठा और मुनाफा दोनों खतरे में पड़ गए। अब जांचकर्ता इसी बात की खोजबीन कर रहे हैं कि क्या मैक्स विमान की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और सर्टिफिकेशन की जल्दबाजी ही तो दुर्घटना का कारण नहीं है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों ने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा कि 737 मैक्स 8 को तैयार करने का काम बेहद उन्मादित ढंग से किया गया था।

एफएए के तकनीकी विशेषज्ञों ने अखबार को बताया कि 737 मैक्स की एजेंसी के प्रमाणन के लिए, प्रबंधकों ने उन्हें प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा था। इसके पीछे का कारण था कि मैक्स विमान का विकास अपने प्रतिद्वंद्वी विमान एयरबस के ए32निओ से नौ महीने पीछे था।

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