आज के दौर में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है-प्रियंका गांधी वाड्रा

कांग्रेस महासचिव बनने के बाद पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को गांधीनगर में एक जन संपर्क रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी जागरूकता से बड़ी देशभक्ति कोई नहीं है। कांग्रेस की रैली में उन्होंने कहा कि आज के दौर में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने किसानों की कर्ज की समस्या को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। देश में फैली भीड़ और सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भी प्रियंका ने अपनी बात रखी और जनता से कहा कि ये सारी चीजें तकलीफ देती हैं। गांधीनगर रैली में आज प्रियंका गांधी वाड्रा ने विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा का जिक्र किए बिना उसपर जमकर तंज कसे। उन्होंने देश के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए लोगों से देश बचाने के लिए अहम फैसला लेने की अपील की। प्रियंका ने सधे हुए शब्दों के साथ कांग्रेस में आने के बाद पहली बड़ी रैली को संबोधित किया। भाजपा का नाम लिए बिना ही उन्होंने जिस तरह के तंज कसे वो उनकी परिपक्वता को बयान कर रहा था।

उन्होंने कहा मुझे मालूम था कि आज मीटिंग है, लेकिन मन में सोचा था कि मुझे शायद भाषण देने की जरूरत न पड़े, तो मैं भाषण नहीं देती, आपसे दो शब्द कहती हूं, जो मेरे दिल में है। पहली बार मैं गुजरात आई हूं और पहली बार साबरमती के उस आश्रम में गई, जहां से महात्मा गांधी जी ने इस देश की आजादी का संघर्ष शुरू किया था और मैं बता नहीं सकती आपको कि वहां उन पेड़ों के नीचे बैठे हुए, भजन सुनते हुए, मेरे दिल में क्या भावना जागी। ऐसा लगा कि आंसू आने वाले हैं, क्योंकि मैंने उन देशभक्तों के बारे में सोचा, जिन्होंने जीवन भर संघर्ष किया, जिन्होंने इस देश के लिए अपनी जान दी, सबकुछ त्याग दिया, जिनके बलिदानों पर इस देश की नींव डली है।

वहां बैठे हुए मन में ये बात आई कि ये देशप्रेम, सद्भावना और आपसी प्यार के आधार पर बना है। आज जो कुछ देश में हो रहा है उससे दुःख होता है और आप सब यहां इतनी तादाद में आए हैं। मैं दिल से आपको कहना चाहती हूं कि इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं है कि आप जागरूक बनें, आपकी जागरुकता एक हथियार है, आपका वोट एक हथियार है, लेकिन ये एक ऐसा हथियार है, जिससे किसी को चोट नहीं पहुंचानी, किसी को दुखी नहीं करना, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना है। ये एक ऐसा हथियार है जो आपको मजबूत बनाएगा। आपको बहुत गहराई से सोचना पड़ेगा कि ये चुनाव क्या है? इसमें आप क्या चुनने जा रहे हैं? आप अपना भविष्य चुनने जा रहे हैं, फिजूल के मुद्दे नहीं उठने चाहिए, जो मुद्दे उठने चाहिए वो ये होने चाहिए कि आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है? आप आगे कैसे बढ़ेंगे? नौजवानों को रोजगार कैसे मिलेगा? महिलाएं कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी अपने आप को? आगे कैसे बढ़ेंगी? किसानों के लिए क्या किया जाएगा? ये चुनावी मुद्दे हैं और आपकी जागरुकता ही इन मुद्दों को आगे ला सकती है।

तो मैं आपसे आग्रह करना चाहती हूं कि सोच-समझकर इस बार आप निर्णय लें। जो आपके सामने बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, उनसे पूछिए कि जो 2 करोड़ रोजगार, जिनका उन्होंने आपको वचन दिया था, वो रोजगार कहां हैं? उनसे पूछिए कि जो 15 लाख आपके खाते में आने थे, वो 15 लाख कहां गए? जिन महिलाओं की सुरक्षा की बात करते थे, उन महिलाओं को किसने पूछा है इन पांच सालों में? सही सवाल करिए इस चुनाव में। आगे आने वाले दो महीनों में आपके सामने तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे, आपकी जागरुकता ही इस देश को बनाएगी। ये आपकी जिम्मेदारी है, आपकी देशभक्ति इसी में प्रकट होनी चाहिए।

यहां पर, जहां से हमारी आजादी की लड़ाई शुरू हुई थी, जहां से गांधी जी ने प्रेम की आवाज उठाई थी, सद्भावना की आवाज उठाई थी, अहिंसा की आवाज उठाई थी, मैं सोचती हूं, यहीं से आवाज उठनी चाहिए। जो आपके सामने अपनी फितरत की बात करतें हैं, आप उन्हें बताइए कि इस देश की फितरत क्या है? इस देश की फितरत है कि जर्रे-जर्रे में सच्चाई ढूंढ़कर निकालेगी, इस देश की फितरत है कि नफरत की हवाओं को प्रेम और करुणा में बदलेगी, ये आवाज आप यहां से उठाइए, आने वाले दिनों में सही निर्णय लीजिए, सही मुद्दे उठाइए, सही सवाल करिए क्योंकि ये देश आपका है, आपने बनाया है, मेरे किसान भाईयों ने बनाया है, मेरी बहनों ने बनाया है, जो रोज सुबह-शाम मेहनत करती है, नौजवानों ने बनाया है और किसी ने ये देश नहीं बनाया है। ये देश और किसी का नहीं है, इस देश की हिफाजत सिर्फ आप लोग कर सकते हैं, आप एक-एक जन, जो यहां बैठा है, इस जिम्मेदारी को समझिए।

सूत्रों के मुताबिक सोनिया ने लोकसभा चुनाव से पहले हो रही सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व की संप्रग सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कांग्रेसजन से आह्वान किया कि वे देश के लिए नया नजरिया प्रदान करने के लिए आगे बढ़ें। सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुरुआत में पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों की याद में कुछ पल मौन रखा गया।

इससे पहले पार्टी ने यहां साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी ने 1930 में आज ही के दिन साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी यात्रा शुरू की थी। गौतरतलब है कि गुजरात में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक करीब 58 वर्षो के बाद हुई है। इससे पहले 1961 में गुजरात में सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी।

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