अटलजी के नाम को नहीं छेड़ेगी कांग्रेस सरकार, भाजपा के बांधे हाथ

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान भाजपा नेताओं के नाम पर चल रही योजनाओं के नाम बदलने में जुटी है। सरकार बनने के बाद सबसे पहले सरकारी नोटशीट में अंकित पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लोगो (चित्र) को हटाने का आदेश जारी हुआ।

सरकारी नोटशीट की एक साल के लिए एकमुश्त प्रिटिंग कराई जाती है इसलिए तुरंत नई नोटशीट उपलब्ध कराना संभव नहीं था। तब सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने आदेश जारी किया कि दीनदयाल के लोगो पर स्टिकर लगाकर नोटशीट प्रस्तुत की जाए। इसके बाद नामों को बदलने की शुरूआत की गई।

सरकारी योजनाओं सूची बनाई गई और दो दिन पहले जब भाजपा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मना रही थी उसी दिन सरकार ने पांच योजनाओं से उनका नाम हटाकर इंदिरा, राजीव, आंबेडकर, महात्मा गांधी के नाम कर दिया। इसके बाद अगले दिन श्रम विभाग ने पंडित दीनदयाल श्रम अन्न सहायता योजना का नाम बदलकर आजादी के आंदोलन के छत्तीसगढ़ के नेता शहीद वीरनारायण सिंह के नाम कर दिया।

कन्या विवाह योजना जो राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम चल रही थी उसे बदलकर सतनामी समाज की नेत्री मिनीमाता के नाम कर दिया गया। नाम बदलने को लेकर राजनीति शुरू हुई तो कांग्रेस 2004 के उस आदेश को निकाल लाई जिसमें भाजपा की सरकार ने कांग्रेस नेताओं के नाम चल रही योजनाओं का नाम बदल दिया था।

नाम बदलने की राजनीति के बीच यह खबर आई है कि कांग्रेस की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपयी के नाम को नहीं छेड़ेगी। अटल जी की मृत्यु के बाद पिछले साल भाजपा की सरकार ने राजधानी नया रायपुर का नाम बदलकर अटल नगर कर दिया था।

सरकार बदली तो यह कयास लगाए जाने लगे कि अटल नगर का नाम अब इंदिरा नगर या राजीव नगर रखा जा सकता है। लेकिन सरकार ने इन कयासों पर विराम लगा दिया है। दरअसल अटल की उदारवादी छवि और छत्तीसगढ़ में उनकी स्वीकार्यता को लेकर कांग्रेस सतर्क है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अटल के नाम को भुनाने की बहुत कोशिश की। उनकी अस्थिकलश यात्रा निकाली, लेकिन कांग्रेस पीछे नहीं रही।

अटल की भतीजी करूणा शुक्ला को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनाव में उतार दिया। करूणा अपने चाचा की विरासत को कांग्रेस के पक्ष में लाने में सफल रहीं। अब लोकसभा के समय कांग्रेस सरकार अटल जी के मुद्दे पर फ्रंट फुट पर खेलने की तैयारी में है। नाम न बदलने का एलान कर उसने भाजपा के हाथ बांध दिए हैं।

झीरम के शहीदों के नाम होंगे अटल नगर के सेक्टर

नया रायपुर अटल नगर में विभिन्न सेक्टरों को अभी नंबर के आधार पर जाना जाता है। सरकार इन सेक्टरों का नाम रखने की तैयारी कर रही है। बस्तर की झीरम घाटी में नक्सली हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत 31 लोग मारे गए थे। नया रायपुर के सेक्टर इनके नाम रखे जा सकते हैं।

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