पुरुषों के लिए वरदान है पहाड़ी बादाम, सदा फौलाद बने रहने की है चाहत तो आज ही शुरू कर दें खाना

शारारिक कमजोरी दूर करने के लिए आयुर्वेद और प्राकृतिक चीजें कारगर होती हैं। बादाम इनमें से एक है। आपने बादाम का सेवन तो दिमाग के लिए किया होगा। लेकिन कई प्रकार बादामों में एक पहाड़ी बादाम भी होता है। इसे पाइन नट्स कहा जाता है। इसे चिलगोजा भी कहते हैं। ये ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में बहुतायत में पाया जाता है, लिहाजा इसलिए इसे पहाड़ी बादाम कहा जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो कई दूसरे बादामों की तुलना में इसके फायदे बहुत ज्यादा हैं। विशेष तौर पर पुरुषों में हर तरह की शारारिक कमजोरी को दूर कर सकता है। आइए जानते हैं पहाड़ी बादाम के फायदे।

पाइन नट्स यानी चिलगोजा में कार्बोहाड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। कार्बोहाड्रेट की मात्रा कम होने के कारण यह शरीर में वसा नहीं बढ़ाता। यही नहीं अच्छे फैट के साथ प्रोटीन का शानदर सोर्स भी है। एक तरह से यह शरीर के लिए लाभदायक है।

पाइन नट्स यानी की पहाड़ी बादाम कई तरह के विटामिंस का सोर्स है। इसमें विटामिन ई, विटामिन बी, कैल्शियम और आयरन भी पाया जाता है। चूंकि यह पहाड़ी लोगों के शरीर के हिसाब से प्रकृति का उपहार है, लिहाजा यदि आप इसका रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको भी एकदम फिट और तंदरुस्त बना देगा।

पहाड़ी बादाम को रोजाना खाने से वजन भी कम होता है। जैसा की पहले कहा यह प्रोटीन का शानदार सोर्स है। इससे बेवजह लगने वाली भूख कम होती है जिससे वजन भी कम होता है। एक अध्ययन के मुताबिक यदि आप पाइन नट्स खाते हैं तो शरीर में 30 फीसदी से ज्यादा भोजन का स्तर कम हो जाता है।

पाइन नट्स कई तरह की गंभीर बीमारियों से लड़ने में कारगर है। यह त्वचा संबंधी बीमारियों के साथ-साथ आंखों की रौशनी भी बढ़ाता है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को स्वस्थ्य रखते हैं। यह शूगर जैसी गंभीर बीमारियों में भी सहायक है। चिलगोजा यानी की पहाड़ी बादाम इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है।  इसमें एंटीबैक्टीयल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो कई तरह के हानिकारण कणों से रक्षा करते हैं। आपको बता दें कि चिलगोजे के तेल से एंटीसेप्टिक दवाएं और एंटी-फंगल क्रीम बनाई जाती हैं।

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