चौथी बार RSS सरकार्यवाह बने भैया जी जोशी बोले- लेनिन की मूर्ति तोड़ना गलत

राष्ट्रीय स्वयं सेव संघ के सरकार्यवाह के तौर पर एक बार फिर सुरेश भैया जी जोशी को चुन लिया गया है. उन्हें लगातार चौथी बार ये जिम्मेदारी मिली है. जिसके बाद अब 2021 तक वो संघ के सरकार्यवाह का पद संभालेंगे. भैया जी जोशी ने त्रिपुरा में बीजेपी सरकार आने के बाद वहां लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि लेनिन की प्रतिमा को तोड़ा गया, इसकी संघ निंदा करता है. इस दौरान उन्होंने केरल में राजनीतिक हत्याओं का भी मुद्दा उठाया.

उन्होंने कहा, ‘हमें काम करते हुए 92 साल हो गए हैं और आज हम एक संतोष जनक स्थिति में हैं. जन संगठन की गति जन आंदोलन जैसी नहीं होती, लेकिन 90 साल में 60 हजार जगहों तक पहुंचना बड़ी बात है. समाज में संघ के काम काज की जैसी पहुंच बढ़ी है, उससे साबित होता है कि समाज मे संघ की स्वीकृति बढ़ी है.’

राम मंदिर बनना तय

भैया जी जोशी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भी अपने विचार रखे. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राम मंदिर बनना तय और उस जगह कुछ और नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि कोर्ट में जमीन के मालिकाना हक पर निर्णय आने के बाद मंदिर बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.

कोर्ट के बाहर समझौते के कदम का भैया जी ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मंदिर को लेकर अगर सहमति बने तो अच्छी बात है, लेकिन सालों के बाद ये लगता है ऐसा हो नहीं पा रहा है. उन्होंने कहा कि आम सहमति बनती है वे इसका स्वागत करेंगे.

मूर्ति तोड़ने की निंदा

भैया जी जोशी ने त्रिपुरा में बीजेपी सरकार आने के बाद वहां लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि लेनिन की प्रतिमा को तोड़ा गया, इसकी संघ निंदा करता है. इस दौरान उन्होंने केरल में राजनीतिक हत्याओं का भी मुद्दा उठाया.

संघ की वजह बीजेपी को सत्ता मिलने पर उन्होंने कहा कि कोई किसी की वजह से नहीं आता. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बाद हम दोगुना हुए थे. बीजेपी संघ की वजह से 2014 में सत्ता में आई, ऐसा मैं नहीं मानता, उस समय परिस्थिति ही वैसी थी.

नीरव मोदी पर क्या बोले भैया जी

पीएनबी महाघोटाले के आरोप नीरव मोदी को लेकर भी भैयाजी जोशी ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि ये घोटाला सिस्टम की कमी से हुआ है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

बता दें कि नागपुर में शनिवार को अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भैयाजी जोशी को सरकार्यवाह निर्वाचित करने का निर्णय लिया गया. भैयाजी जोशी पिछले नौ साल से RSS के सरकार्यवाह के पद पर हैं. इस बार उनकी जगह ये जिम्मेदारी सह सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले को दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

 
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