अब टेलीमेडिसिन से केजीएमयू के डॉक्टर करेंगे कैदियों का इलाज

लखनऊ: अब जेल में कैद गंभीर रुप से बीमार कैदियों को केजीएमयू के डॉक्टर टेलीमेडिसिन के जरिए जेल के भीतर ही उपलब्ध हो सकेंगे. जेल में बंद कैदियों को समय से समुचित इलाज मिल सके इसके लिए अब जेल प्रशासन और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू ) के बीच कऱार किया जा रहा है. इस करार के माध्यम से अब जेल में बंद गंभीर रूप से बीमार कैदियों का केजीएमयू के डॉक्टर्स टेलीमेडिसिन के जरिये आवश्यकतानुसार तत्काल इलाज कर सकेंगे.

वैसे तो जिला जेल के परिसर में कैदियों के इलाज के लिए अस्पताल बना हुआ है, लेकिन जो कैदी गंभीर रूप से बीमार होते हैं उनके इलाज की व्यवस्था जेल परिसर के अस्पताल में संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में गंभीर बीमार कैदियों को इलाज के लिए केजीएमयू ले जाना पड़ता है. कई बार फोर्स न उपलब्ध होने की स्थिति में अनावश्यक विलम्ब हो जाता है जिसके गंभीर परिणाम भी हो जाते हैं. इस समस्या का समाधान अब टेलीमेडिसिन के जरिये संभव हो सकेगा और गंभीर रूप से बीमार कैदियों को तत्काल रिलीफ मिल सकेगा.

4000 से ज्यादा कैदी हैं लखनऊ की जिला जेल में

लखनऊ जिला जेल में वर्तमान में 4 हजार से ज्यादा कैदी हैं जिनमें से लगभग 8 से 10 कैदियों को लगभग रोज़ ही केजीएमयू में इलाज के लिए ले जाना पड़ता है. कई बार ऐसी स्थिति में संसाधनों के अभाव में कैदियों को समय से इलाज नहीं मिल पाता है. जेल प्रशासन और केजीएमयू के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट से अब यह संभव हो सकेगा की कैदियों को इलाज समय से मिल सकेगा और सिर्फ उन्हीं कैदियों को केजीएमयू ले जाना पड़ेगा जिनका इलाज टेलीमेडिसिन के जरिये सम्भव नहीं होगा या किसी विशेष इलाज की आवश्यकता होगी.
इस करार के होने से जेल प्रशासन को भी सुविधा मिलेगी क्योंकि उन्हें कैदियों को बार-बार केजीएमयू तक नहीं ले जाना पड़ेगा.

जिला जेल के 10 प्रतिशत कैदी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं

केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन संखवार के अनुसार जेल में रोजाना करीब 8 से 10 कैदी केजीएमयू या सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए लाए जाते हैं. अब ऐसे मरीजों को टेलीमेडिसिन के जरिए जेल में ही इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा. जेल अधिकारियों के अनुसार इस समय जिला जेल में लगभग 4000 कैदी हैं. उनके इलाज के लिए जेल परिसर में अस्पताल बना है, लेकिन वहां गंभीर रोगों के उपचार की सुविधा नहीं है. जबकि करीब 10% कैदी  किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. जिला जेल में विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने से उनका इलाज मुश्किल होता है और उन्हें केजीएमयू अथवा सरकारी अस्पताल ले जाना पड़ता है.

जेल प्रशासन के पास संसाधनों का अभाव

जेल प्रशासन के पास संसाधनों की कमी है. कैदियों को उपचार के लिए बार-बार अस्पताल ले जाने के लिए जेल प्रशासन के पास पर्याप्त फोर्स भी नहीं है. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार कैदियों के समय पर उचित इलाज में बाधा आ रही है. उन्हें बेहतर तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जेल प्रशासन व केजीएमयू के डॉक्टरों के बीच  ये करार हुआ है. जेल अस्पताल के डॉक्टर केजीएमयू के विशेषज्ञों से टेलीमेडिसिन के जरिए संपर्क करेंगे तथा स्क्रीन पर मरीज और उसकी रिपोर्ट देखकर डॉक्टर परामर्श देंगे. जरूरत होने पर सिर्फ जांच या किसी विशेष प्रोसीजर के लिए ही कैदियों को केजीएमयू बुलाया जाएगा.

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