नरेश अग्रवाल के फिर बिगड़े बोल, बीजेपी नेताओं पर तीखा हमला कही पार्टी बदलने की सुगबुगाहट तो नहीं

हरदोई में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल बरसते हुए नजर आए हैं, इस बार वह अपनी ही पार्टी के नेताओं और सदर सांसद पर जमकर बरसे हैं।नरेश अग्रवाल के फिर बिगड़े बोल, बीजेपी नेताओं पर तीखा हमला कही पार्टी बदलने की सुगबुगाहट तो नहीं

हरदोई पहुंचे नरेश अग्रवाल ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तमाम तरह के आरोप लगाए हैं, नरेश अग्रवाल ने भाजपा नेताओं के द्वारा दलितों के असम्मान की बात कही और चुनाव में इसका नतीजा बीजेपी को भुगतने की बात कही तो वही अपनी पार्टी के सदर सांसद अंशुल वर्मा को शराबी तक बता डाला, वहीं गठबंधन पर हमला बोलते हुए नरेश अग्रवाल ने इसको अवसरवाद का ठग बंधन बताया और सपा को बसपा में विलय कर देने की नसीहत भी दी ताकि गठबंधन मजबूत होकर मोदी से मुकाबला कर सके वहीं नरेश अग्रवाल ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर 5 करोड़ और 10 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप भी लगाया है।

नरेश अग्रवाल ने बताया कुछ दिन पहले पासी सम्मेलन भाजपा को मजबूत करने के लिए किया गया था, लेकिन कुछ दलित विरोधी मानसिकता के लोगों ने जूता पहनकर श्रवण देवी मंदिर को सिर्फ इस वजह से साफ किया की दलितों ने मीटिंग वहां कैसे कर ली, दलित मंदिर परिसर में कैसे चले गए, और यह कर कर उन्होंने दलित समाज का असम्मान किया है वैसे तो कानूनन कार्यवाही होनी चाहिए पुलिस को करनी चाहिए क्योंकि दलित एक्ट का सीधा मुकदमा बनता है, लेकिन हम मुकदमे के पक्षधर नहीं है, लेकिन वक्त आने पर दलित समाज उनको सबक जरूर सिखाएगा और भाजपा से जुड़े हुए जो लोग उसमें हैं उन पर अगर पार्टी कार्यवाही नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ेगा।

पासी सम्मेलन के दौरान लंच पैकेट में देसी शराब के पव्वे बांटे जाने के बाद सदर सांसद अंशुल वर्मा ने मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेटर लिखा था और नरेश अग्रवाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी जिस पर बोलते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा कि एक सांसद महोदय ने एक बड़ा भारी पत्र लिखा हो सकता है 5 साल की असफलताओं के लिए उन्होंने सोचा हो कि नरेश को जिम्मेदार ठहरा दें तो हम बड़े नेता बन जाएंगे, लेकिन उन सांसद महोदय के लिए आम जनमानस में एक राय है कि “सूरज अस्त सांसद मस्त”।

नरेश अग्रवाल यहीं नहीं रुके बल्कि आगे उन्हें तल्ख लहजे में कहा कि हमसे जो विरोध ले रहे हैं वह अपना बहुत अच्छा हित नहीं कर रहे हैं अगर वो यह सोचते हैं कि हमारा अपमान करके वह सम्मानित हो जाएंगे तो ऐसा कुछ नहीं होगा।

सपा और बसपा के गठबंधन पर बोलते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह गठबंधन अवसरवादीता का गठबंधन है, गठबंधन नहीं बल्कि इसको ठग बंधन कहेंगे जिस लोहिया के विचारों पर समाजवादी पार्टी चली थी जिस मुलायम के नीतियों पर समाजवादी पार्टी आगे बढ़ी थी, वह समाजवादी पार्टी बहन जी के आगे नतमस्तक कर दिया है, मैं तो यही कहूंगा समाजवादी पार्टी बसपा में विलय हो जाए तो शायद ज्यादा अच्छा रहेगा उसके बाद यह लोग मोदी जी से लड़ने के लायक होंगे, लेकिन यह सोच लेना कि सपा बसपा का गठबंधन हो गया बस चुनाव जीत गए यह इन की कमजोरी दर्शाता है, जब दोनों उत्तर प्रदेश में सरकार बना चुके हैं तो किस की वजह से गठबंधन करना पड़ा

चुनाव से पहले इनको पीएम का प्रत्याशी भी घोषित कर दें और अगर 2022 में बहुमत में आए तो सीएम कौन होगा यह भी घोषित कर दें ताकि लोगों को पता चल जाएगा कि कैसे मोदी के डर में अवसरवादिता का गठबंधन हुआ है। वही नरेश अग्रवाल ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर 5 करोड़ दस करोड़ में लोकसभा का टिकट बेचने का भी आरोप लगाया है।

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