सफलता की नई इबारत, रानी मिस्त्रियों ने झारखंड में बनाए 10 लाख शौचालय

राष्ट्रीय आजीविका मिशन से ग्रामीण भारत में महिला तरक्की की नई इबारत लिखी जा रही है। इसकी एक नजीर है कि झारखंड में 7500 रानी मिस्त्रियों ने 10 लाख शौचालयों का निर्माण किया। यही नहीं, ट्रैक्टर और क्रेशर चलाने जैसे पुरुषों के वर्चस्व वाले काम भी महिलाएं बढ़-चढ़कर कर रही हैं। विज्ञान भवन में चल रहे देश की 750 महिला प्रधानों के समागम में सफलता की ऐसी ही कहानियां सामने आईं।

झारखंड से आईं प्रधान अंजू कुजूर ने बताया, आजीविका मिशन के तहत 15 दिन के प्रशिक्षण के बाद उनके प्रदेश में 7600 महिलाएं कुशल रानी मिस्त्री (राजगीर) बन गईं। काम के प्रति उनकी दक्षता ऐसी कि 10 लाख शौचालयों के निर्माण का श्रेय उन्हें मिल रहा है। लोग घर भी रानी मिस्त्री से बनवाने लगे हैं। कुजूर कहती हैं, महिलाएं घर के काम निपटाकर रोज आठ से नौ घंटा राजगीरी करके 350 रुपया कमा रही हैं।

खेती पर निर्भरता घटी, महिलायें चला रहीं घर

उत्तरप्रदेश के देवबंद के कुड़ी गांव की प्रधान माछिन त्यागी ने बताया उनका गांव लगभग खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। गांव में स्वयं सहायता समूह की मदद से महिलाएं परिवार चला रही हैं। खेती पर निर्भरता कम हो रही है। बिजनौर की से आईं गुड्डी झारखंड और उड़ीसा में महिला समूह के काम से इस कदर प्रभावित हैं कि उन्होंने कहा वे ब्लॉक में इस पर बात करेंगी। दो दिन के इस आयोजन में महिला प्रधानों से पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत चलने वाली योजनाओं पर चर्चा होगी। मुख्य अतिथि केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 20 राज्यों में ग्राम पंचायतों में 33 फीसदी आरक्षण है लेकिन 50 फीसदी पद महिलाओं ने संभाल रही हैं।

गांवों में विकास का नया सिस्टम

एक अप्रैल से देश की सभी ग्राम पंचायतों में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्यों का आवंटन होगा। इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय 2.40 लाख पंचायतों के लिए प्लान बना रहा है। 2017-2018 में मंत्रालय ने राज्यों से प्लान मांगा था। उसे 2.40 लाख ग्राम पंचायतों के मास्टर प्लान मिले लेकिन मानकों के अनुरूप नहीं थे। इसके बाद मंत्रालय ने प्लान फिर से बनाने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश दिए थे। मार्च 2019 तक इसका प्लान तैयार हो जाएगा। अब तक लगभग डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों के विकास का खाका तैयार हो गया है।

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